बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब रफ्तार पकड़ चुकी हैं और इसी कड़ी में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने राजनीतिक हलचल और मतदाताओं में नई उम्मीदें जगा दी हैं। निर्वाचन आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 2,27,636 मतदाताओं ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में प्रविष्टियों को लेकर दावे और आपत्तियां दर्ज की हैं। इनमें 29,872 आवेदन नए नाम जोड़ने के लिए और 1,97,764 आवेदन मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए दिए गए हैं।
आयोग का कहना है कि पिछले सात दिनों में 33,771 आवेदनों का निपटारा किया जा चुका है। हालांकि सबसे बड़ी दिलचस्पी पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की है। अगस्त महीने में ही 13,33,793 नए मतदाताओं ने फॉर्म-6 के जरिए अपने नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया है। अगर सभी आवेदन मंज़ूर होते हैं, तो इस साल लगभग 13 लाख नए नाम वोटर लिस्ट में जुड़ जाएंगे। आयोग ने बताया कि सिर्फ पिछले एक हफ्ते में ही 61,248 युवा मतदाताओं से जुड़े आवेदन निपटाए गए हैं।
Rahul Gandhi Voter Adhikar Yatra.. कांग्रेस नेताओं ने कहा कल का दिन ऐतिहासिक
राजनीतिक दलों की सक्रियता भी इस प्रक्रिया को मजबूती दे रही है। आयोग की रिपोर्ट बताती है कि राज्य के 12 राजनीतिक दलों के 1,60,813 बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) मतदाताओं की मदद कर रहे हैं। इनमें सीपीआई (एमएल) सबसे आगे रही, जिसने 118 दावे और आपत्तियां दाखिल कीं। इसमें 15 आवेदन नए नाम जोड़ने के लिए और 103 नाम हटाने के लिए थे। वहीं आरजेडी के एजेंट्स ने अब तक केवल 10 फॉर्म सबमिट किए हैं।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाना है। यही कारण है कि पहले चरण में ही 65 लाख से अधिक नाम हटाए जा चुके हैं, जिनमें डुप्लिकेट और अवैध प्रविष्टियां शामिल थीं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची तैयार होगी।






















