बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए का अलग-अलग जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन और शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी कड़ी में सीतामढ़ी में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता बैठक से पहले JDU की बाइक रैली निकाली गई, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में सैकड़ों बाइक सवारों की भीड़ दिखाई दे रही है, लेकिन इस रैली का सबसे विवादित पहलू यह है कि श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सादाब अहमद खान की बाइक पर पीछे बैठा युवक खुलेआम हथियार लहराता नजर आ रहा है।
यह वीडियो जिला मुख्यालय डुमरा का बताया जा रहा है, जो सांसद आवास के समीप का इलाका है। खुलेआम हथियार का प्रदर्शन न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि चुनावी माहौल में यह गंभीर चिंता का विषय भी बन गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को तुरंत मुद्दा बना लिया है और सत्ताधारी दल पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
बिहार की राजनीति में जब चुनाव का माहौल बन रहा हो, तब ऐसे वीडियो का वायरल होना चुनावी नैरेटिव को प्रभावित करता है। विपक्ष इसे जनता के बीच इस संदेश के साथ पेश कर सकता है कि एनडीए के कार्यकर्ता कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। वहीं, आम जनता के बीच यह सवाल गूंज रहा है कि यदि जिला मुख्यालय और सांसद आवास के पास इस तरह का हथियार प्रदर्शन संभव है, तो राज्य के अन्य इलाकों में हालात कैसे होंगे।
सीतामढ़ी के एसपी अमित रंजन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि मामला संज्ञान में आया है और वीडियो की जांच की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह की घटनाएं एनडीए और जेडीयू की छवि पर क्या असर डालती हैं।






















