राजधानी की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली मानी जाने वाली बेउर जेल में रविवार को जो खुलासा हुआ, उसने न सिर्फ जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, बल्कि यह दिखा दिया कि अपराधी सलाखों के पीछे भी ‘ऑनलाइन’ और एक्टिव हैं।
जेल सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा के नेतृत्व में हुई एक औचक छापेमारी में जब कैदियों के बैरकों से चार स्मार्टफोन और दो चार्जर बरामद हुए, तो पूरा प्रशासन सकते में आ गया। खासकर तब, जब पता चला कि पटनासिटी के निवासी बंदी रवि गोप के बेड से अकेले तीन स्मार्टफोन मिले!
जिस जगह पर अपराधियों को कानून के शिकंजे में होना चाहिए, वहां से हाई-टेक गैजेट्स की बरामदगी यह सवाल उठाती है कि – क्या सलाखों के पीछे से भी अपराध का संचालन हो रहा है? जेल में बंद कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर और राजनीतिक रसूख रखने वाले कैदी कहीं अपने बाहरी नेटवर्क से संपर्क में तो नहीं? बेऊर जेल में इस समय करीब 4600 कैदी बंद हैं, जिनमें कई कुख्यात नाम शामिल हैं। इनमें एक बड़ा नाम पूर्व विधायक अनंत सिंह का भी है, जो मोकामा गोलीकांड के बाद से जेल में बंद हैं।
जेल सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा ने इस छापेमारी के बारे में मीडिया को बताया कि दोषी कैदियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।