बिहार विधानसभा चुनाव में अभी करीब 7-8 महीने का वक्त बचा है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों में जुट गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पांच दिन के अंदर दूसरी बार बिहार पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर कृष्णा अल्लावरू ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि पार्टी के संगठन को सशक्त बनाने के लिए वे पूरे राज्य में बैठकें करेंगे और नेताओं व कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद करेंगे।
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पटना में एक सवाल के जवाब में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या बिहार में भी दिल्ली की तर्ज पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी, तो उन्होंने कहा, “इस पर चर्चा जारी है। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत करके हम आगे की रणनीति और निर्णय लेंगे।” अल्लावरू ने कहा कि फिलहाल पार्टी सभी स्तरों पर नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत करेगी, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां सही दिशा में चल सकें।
उन्होंने आगे कहा कि आज पटना महानगर के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें 2025 चुनाव और कांग्रेस की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। कल से वे बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और कांग्रेस विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, पूर्व विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
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कांग्रेस के नए प्रभारी के रूप में अल्लावारू की पहली यात्रा में उन्होंने गुटबाजी को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि जो लोग पार्टी में गुटबाजी करेंगे, उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। बिहार में पार्टी की गुटबाजी एक पुरानी समस्या रही है, जहां एक खेमा लालू यादव के साथ चुनाव लड़ने की बात करता है, जबकि दूसरा खेमा अकेले या छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ने का पक्षधर है।
कृष्णा अल्लावारू, जो राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं, ने राहुल गांधी के निर्देशों पर बिहार कांग्रेस के चुनाव प्रभारी का पद संभाला है। राहुल गांधी की पहल पर पटना में दो बार दौरे के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। राहुल गांधी की मंशा बिहार में कांग्रेस को इस तरह से मजबूत करने की है कि यदि आरजेडी पर्याप्त सीटें देने से इंकार कर दे, तो पार्टी अकेले चुनाव में उतरने के लिए सक्षम हो।