विवि शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन सत्यापन के लिए ”एंड ऑफ एंड सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर” आधारित पोर्टल का लोकार्पण शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा किया गया। जहां उन्होंने बताया की प्राचार्यों का कार्यकाल अब कम-से-कम पांच साल का होगा । शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसकी घोषणा कर दी है। वहीं ज्यादा से ज्यादा पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है यानी 10 साल तक अधिकतम अपने पद पर रह पायेंगे। जिसकी नियुक्ति विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा करायी जायेगी।
वेतन पोर्टल के माध्यम से जारी
वही राज्य कर्मचारी चयन आयोग को विश्वविद्यालय में तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति की जिम्मेदारी दी गई है । शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया की सभी विश्वविद्यालय के कर्मियों का वेतन पोर्टल के माध्यम से जारी किया जाएगा। जहां उन्होंने “एंड ऑफ एंड सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर” आधारित पोर्टल का लोकार्पण किया जहां शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी अपने वेतन का सत्यापन कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि 4600 असिस्टेंट प्रोफेसरों का चयन एक साल में विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा किया जाएगा।
पे स्लिप ईमेल के माध्यम से
प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की रिक्तियों की जानकारी सही से नही मिल पा रही है जिसके कारण नामांकन की पूरी जानकारी नही मिल पा रही और राज्य को शर्मिन्दा होना पड़ता है। वहीं शिक्षा विभाग के सचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को खुद पोर्टल पर जा कर लॉग इन कर के अपना वेतन भरना होगा। सारी प्रक्रिया ऑनलाईन होगी। कॉलेज, विश्वविद्यालय से होते हुए वेतन कोषांग तक की मंजूरी प्रक्रिया सभी पोर्टल के माध्यम से होगी। वही विवि शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पे स्लिप ईमेल के माध्यम से मिलेगी।
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