शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालते ही के के पाठक एक्शन में दिख रहे है। स्कूल कॉलेज पर शिकंजा कसने के साथ ही कोचिंग संस्थान पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। कोचिंग संस्थान की मनमानी रोकने के लिए के के पाठक ने इसकी बागडोर अपने हाथों में लेने का फैसला लिया है और उससे जुड़े अधिकार जिले के डीएम को दे दिया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने इससे जुड़े कुछ सुझाव लोगों से मांगे है जिसके लिए एक सप्ताह का टाइम दिया गया है। जिसके बाद नियमावली को लागू कर दिया जाएगा।
नियमावली के तहते DM को मिलेगा विशेष अधिकार
कोचिंग संस्थान पर शिकंजा करने के लिए शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण और विनियमन नियमावली 2023 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस नई नियमावली के तहत अब बिहार में कोचिंग संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए कोचिंग संस्थान के आवेदन पर कोचिंग में छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला पंजीकरण समिति उसके रजिस्ट्रेशन पर फैसला लेगी। डीएम को पंजीकरण समिति गठन करने का निर्देश दिया गया है। वहीं इस नियमावली के तहत छात्र-छात्राओं को यह अधिकार दिया जाएगा कि वहां से जुड़ी शिकायत एसडीओ के पास कर सकते हैं। शिकायत सही मिलने पर दंड का भी प्रावधान है।
अगर कोई कोचिंग संस्थान दो बार दंडित हो जाए तो उसका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल हो सकता है। इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद कोचिंग चलाने पर संपत्ति जब्त की जाएगी और छह महीने में जुर्माना नहीं देने पर उसकी नीलामी कर दी जाएगी। इस नियमावली के तहते जिले के डीएम को कोचिंग से जुड़े अधिकार भी दिए गए है। जिसके तहत कोचिंग संस्थान फीस में कटौती कर सकता है, कोचिंग के समय को बदल सकता है इसके अलावा कोचिंग से जुड़े कई अधिकार दिए गए है।