जमशेदपुर शहर में क्रिसमस के मौके पर सड़कों में सेंटा क्लाज दिखाई पड़े, ये सेंटा और कोई नहीं बल्कि जमशेदपुर अक्षेस के ब्रांड एम्बासडर सह सीने तरीका माधुरी दीक्षित के फैन पप्पू सरदार है, जो खुशियों की मिठाई लिए सभी के बिच पहुंचे। वैसे जमशेदपुर शहर को मिनी भारत कहा जाता है। जहां हर धर्म संप्रदाय के पर्व त्यौहार सभी मिलकर खुशियों के साथ मनाते है और इसी रीवाज को कायम रखते हुए हर वर्ष प्रभु इशू के जन्मदिन क्रिसमस के पूर्व रात्रि बेला में पप्पू सरदार खुशियों का पैगाम लिए सड़कों पर निकल पड़ते हैं।
स्कूटी को जिंगल बेल्स, गुब्बारे से करते हैं सजावट
इसके लिए पप्पू सरदार अपने स्कूटी को विशेष तौर पर सजाते हैं। जिसमे सेंटा का रेन डियर, जिंगल बेल्स, गुब्बारे आदि की सजावट रहती हैं। वहीं पप्पू सरदार खुद सेंटा का रूप धारण कर अपने स्कूटी पर निकल पड़ते हैं। तमाम चौक चौराहों पर आम नागरिकों के बिच चॉकलेट और गिफ्ट बांटकर सभी को क्रिसमस की बधाई देते हैं। वैसे सेंटा के साथ सेल्फी लेने की होड़ भी इस दौरान दिखाई देती है, पप्पू सरदार के अनुसार खुशियों के त्यौहार को सभी के साथ मिलकर मानाने मे ही खुशी है और इस कारण वे हर वर्ष इस खास मौके पर संटा बनकर शहरवासियों के बिच पहउंचते हैं।
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रात के 12 बजते प्रभु इशू का मनाया गया जन्मोत्सव
क्रिसमस के मौके पर विश्व भर के साथ साथ जमशेदपुर मे भी प्रभु इशू के जन्मदिन को मनाया गया। इस दौरान तमाम गिरजाघारों को भव्य रूप से सजाया गया था। वहीं रात के 12 बजते ही प्रभु इशू का जन्मोत्सव मनाया गया। जमशेदपुर में क्रिसमस का पर्व यानी प्रभु इशू के जन्मदिन को धूम धाम से मनाया जाता है, 24 दिसंबर की रात्रि 12 बजते ही प्रभु इशू के जन्मदिन को मनाया जाता है। इस दौरान गिरजाघारों मे विशेष प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया जाता है। जहां तमाम ईसाई धर्म के लोग शामिल होते हैं। चर्च के फादर के द्वारा इस दौरान सभी के बिच प्रभु इशू के शांति के सन्देश को रखा जाता है। जिसे सभी सुनकर उसका अनुसरण करते हैं। इस मौके पर गिरजाघरों की विशेष सजावट भी जाती है और क्रिसमस लाइट से गिरजाघारों को पाट दिया जाता है।
इसी कड़ी में कोयलांचल धनबाद में भी क्रिसमस को लेकर मसीही समुदाय के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। शनिवार की देर रात कड़ाके की सर्दी होने के बावजूद ठीक 12:00 बजे चरनी में यीशु के जन्म लेते ही सभी गिरजा घरों में घंटे बजने लगे, चारों ओर खुशियां छा गई ,पादरी ने यीशु को चूम कर यह समाचार सब को सुनाया । यीशु के आगमन की सूचना मिलते हैं ईसाई धर्मावलंबी खुशी से झूम उठे, एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देने लगे और पूरी रात विशेष प्रार्थना और क्रिसमस की बधाई देने का सिलसिला चलता रहा।