[Team insider] हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित चिरूडीह गोलीकांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10 साल की सज़ा सुनायी गयी है। 22 मार्च को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इस मामले में अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को सजा सुनायी। इनके पुत्र अंकित कुमार को अदालत ने पिछले दिनों बरी कर दिया था। ये मामला कांड संख्या 228/16 से जुड़ा है। आपको बता दें कि बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के पिता हैं योगेंद्र साव, जबकि निर्मला देवी उनकी मां हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए थे
जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए थे। योगेंद्र साव की बेटी व बड़कागांव के वर्तमान विधायक अंबा प्रसाद कोर्ट की कार्रवाही जानने कोर्ट पहुंची थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सजा के बिन्दु पर दोनों पक्ष के अधिवक्ता बहस हुई। इसके बाद पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव व उनकी पत्नी निर्मला देवी को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने धारा 307 के तहत 10 साल की सजा और दो हजार जुर्माना साथ ही धारा 326 के तहत 5 साल की सजा और एक हजार जुर्माना लगाया गया है।
षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है: अंबा प्रसाद
वही विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। लोगों के अधिकारों और हक के लिए आंदोलन कर रहे थे। हम भी इसे लेकर आज भी संघर्ष कर रहे हैं। उन चीजों को ठीक किया जा रहा है। हमलोग अपील में जाएंगे न्याय पर हमें अभी भी भरोसा है। वहीं उन्होंने षड्यंत्र पर कहा कि उस समय के जो तत्कालीन अधिकारी थे, सरकार थी वह लगी हुई थी और बड़े-बड़े लोग इस पर लगे हुए हैं। बहुत सारे पैसों का लेनदेन था आपस में ही वहां पर कंपनी को औने पौने दाम में लोगों को कंप्रोमाइज करके कराया गया है। हम लोग कभी डरने वाले नहीं हैं। हम लोग अधिकारों के लिए वहां के लोगों के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे, आवाज बुलंद करेंगे। जब जरूरत पड़ेगा हम लोग संघर्ष करते रहेंगे।
पुलिस को अपने बचाव में चलानी पड़ी थी गोली
आपको बता दें कि झारखंड के हजारीबाग जिले में चिरूडीह खनन को लेकर हुए आंदोलन के दौरान गिरफ्तार बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी को छुड़ाने के लिए भीड़ ने हमला कर उन्हें छुड़ा लिया था। इस दौरान पुलिस को अपने बचाव में गोली चलानी पड़ी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी थी। इसी मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी और पुत्र अंकित कुमार सहित सैकड़ों लोगों को आरोपी बनाया गया था।