रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की तारीखें है जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक सरगर्मी तेज हो रही है। एक और जहां कांग्रेस अपनी सीटिंग सीट पर जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है, तो वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा आजसू के समर्थन करने की बात सामने आ रही है। हालांकि अब तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
भाजपा को ही मिलेगा रामगढ़ की जनता का आशीर्वाद
बता दें कि गोलीकांड में कोर्ट के फैसले के बाद ममता देवी की विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई। कोर्ट ने ममता देवी सहित अन्य को पांच साल की सजा सुनाई है। वहीं 27 फरवरी को रामगढ़ उपचुनाव होना है। आजसू और भाजपा का गठबंधन की भी बात सामने आ रही है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू अकेले चुनाव लड़ी थी। वहीं इस उपचुनाव दोनों दलों की कोशिश होगी कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले होने जा रहे उपचुनाव को जीतकर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सत्ताधारी महागठबंधन को झटका दिया जाए। वहीं पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि इस बार रामगढ़ की जनता का आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी को ही मिलेगा।
कई बड़े चेहरे रणनीति बनाने में जुटे
अपनी कांग्रेस अपनी इस सीट को खोने के बाद हर हाल में यंहा जीत दर्ज करना चाहती है, इसके लिए प्रदेश के कई बड़े चेहरे रणनीति बनाने में जुट गए है, कांग्रेस प्रवक्ता ने रामगढ़ उपचुनाव में अपनी पार्टी की जीत को लेकर दावेदारी पेश कर रहे।
बरहाल यह देखने वाली वात होगी कि उपचुनाव में जनता किसे अपना प्रतिनिधी चुनती है। बता दें कि रामगढ़ उपचुनाव लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हो रहा है। इस उपचुनाव में महागठबंधन की हार पर भाजपा राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले हेमंत सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस को यह भरोसा है कि राज्य में 2019 के बाद हुए सभी उपचुनाव में यूपीए गठबंधन को ही होगी।