झारखंड सरकार की अध्आयक्जषता में आज 10 जनवरी को कैबिनेट की अहम बैठक रखी गई । यह बैठक काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। बता दें लगातार आशंका जताई जा रही है की इस बैठक में कई बातों पर सरकार की मुहर लग सकती है। झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार 10 जनवरी 2023 को अपराह्न 4:00 बजे से झारखंड मंत्रालय में होगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जायेंगे। नए वर्ष में झारखंड कैबिनेट की यह पहली बैठक होगी।
सीडीपीओ नियुक्ति परीक्षा का बदलेगा पैटर्न
झारखंड में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी की सीधी नियुक्ति के लिए परीक्षा पैटर्न भी बदलेगा। इस पर महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग में प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। मंगलवार की कैबिनेट बैठक में इस पर मंजूरी मिलने की संभावना है। इस प्रस्ताव के मुताबिक मेंस परीक्षा के अंकों के हिंदी पेपर के क्वालीफाइंग मार्क्स 40 से घटकर 30 अंक हो जाएंगे। हालांकि इसके पहले की तरह मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं होंगे। इसी तरह अब सामान्य अध्ययन के 100-100 नंबर के दो पेपर होंगे।
अभी सामान्य अध्ययन का 150 अंकों का एक पेपर होता है। इसके अलावा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए 50 अंकों का इंटरव्यू लिए जाने का प्रावधान को जोड़ा गया है। कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद जेपीएस द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा में इस बदलाव को शामिल किया जाएगा।
संस्कृत-मदरसा विद्यालयों को मिलेगा दुगुना अनुदान
मदरसा और संस्कृत विद्यालयों को इसी वित्तीय वर्ष से दोगुना अनुदान देने की भी तैयारी है। कैबिनेट की अहम बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है। इससे वितरहित 33 संस्कृत विद्यालयों और 43 मदरसों के करीब 536 शिक्षकों कर्मचारियों को भी लाभ होगा दुगुना अनुदान होने से राज्य के प्राथमिक संस्कृत विद्यालय और वस्तानिया आठवीं तक के मदरसे को 1.80 लाख की जगह 3.20 लाख रुपए देने का प्रस्ताव है। वहीं प्राथमिक सह उच्च संस्कृत विद्यालय और फोकानिया (10वीं तक के मदरसों को 3.60 लाख की जगह 7.20 रुपए लाख रुपए देने का प्रस्ताव है।
अगर स्कूलों में 500 से 1000 छात्र नामांकित हैं तो 9.60 लाख और 1000 से ज्यादा नामांकित हैं, तो 14.40 लाख रुपए अनुदान मिलेगा।राज्य सरकार को प्रवासी निबंधित और अनुबंधित श्रमिकों की मुआवजा राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लगने की उम्मीद है। ऐसा होने पर अगर प्रवासी मजदूरों की मौत होती है तो शव लाने के लिए परिजनों को तत्काल 25 हज़ार की राशि दी जाएगी। गौरतलब है की दूसरे राज्यों में श्रमिकों की हादसे में मौत होने पर परिजनों के लिए उनका शव लाना मुश्किल हो रहा है। नियोजन नीति, विधानसभा का बजट सत्र, पारा शिक्षकों को लेकर और इसके साथ ही कई प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है।
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जेपीएससी में तीन सदस्यों की बनाई गई है कमिटी
जेपीएससी के लिए भी अलग से कमिटी बनाई गई है, जिसमें 15 दिनों का समय सदस्यों को दिया गया है। सरकार नए वर्ष में छात्र, और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रयास में जुट चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि 11वीं JPSC को लेकर सरकार मंजूरी दे दे। क्योंकि अगर नियोजन नीति को लेकर फिर से कोई विवाद होता है टो रोजगार देने के नाम पर सरकार के पास कुछ नहीं होगा। वहीं JPSC द्वारा सिविल सर्विसेज की नियुक्ति के लिए नियोजन नीति की आवश्यकता नहीं होगी। यी में सरकार इस पर भी विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने नियोजन नीति को किया था खारिज
हेमंत सोरेन की सरकार ने 2021 में नियोजन नीति बनायी थी। इसमें यह प्रावधान था कि थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में सामान्य वर्ग के उन्हीं लोगों की नियुक्ति हो सकेगी, जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा झारखंड से पास की हो। रांची हाई कोर्ट ने इसे असंवैधानिक माना है और कहा है,कि यह समानता के अधिकार के खिलाफ है। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद नयी नियोजन नीति के प्रावधानों के अनुरूप हो चुकी या होने वाली वाली तकरीबन 50 हजार नियुक्तियों पर सीधा असर पड़ा है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने स्थानीयता बनायी थी। राज्य में भारी विवाद के बाद उसे भी कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इस बार हेमंत सोरेन ने भी 1932 के खतियान के आधार पर ही स्थानीयता नीति बनाने की तैयारी की है, यह जानते और स्वीकारते हुए कि अदालत में इस पर हथौड़ा चल सकता है।
बजट सत्र को मिलेगी मंजूरी
सरकार सत्र 203-24 के बजट की तैयारी में लगी है। इसे लेकर कैबिनेट की बैठक में झारखंड विधानसभा के बजट सत्र को बुलाने की मंजूरी मिल सकती है। फरवरी में बजट सत्र बुलाया जा सकता है। इसके साथ ही पारा शिक्षकों को राहत देने के लिए भी सरकार कोई फैसला ले सकती है।