रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका के पास सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए राज्य के आदिवासी धरने पर बैठ गए। धरना आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम से प्रतिनिधि शामिल हुए। आदिवासी सेंगेल अभियान के सालखन मुर्मू ने कहा, सरना धर्म कोड मान्यता के मुद्दे को अब ‘करो या मरो’ की तर्ज पर चलाने को बाध्य है।
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आदिवासी अस्तित्व की पहचान और हिस्सेदारी का मामला
सालखन मुर्मू ने कहा कि अगर 20 नवंबर तक केंद्र सरकार से कोई फैसला नहीं आता है, तो 30 नवंबर को झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम प्रदेशों में जोरदार रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा। प्रकृति पूजक सभी आदिवासी जनता और संगठन से अपील है कि वे सामने आएं और साथ दें, विभिन्न नामों और संगठनों से ऊपर उठें, तभी सफलता निश्चित होगी, यह हमारे अस्तित्व की पहचान और हिस्सेदारी का मामला है, संवैधानिक अधिकार का मामला है।