मंगलवार को राजभवन ने आय से अधिक संपति होने के मामले में मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद समेत 10 लोगों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। स्वीकृति मिलने के बाद अब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध कोर्ट में ट्रायल शुरू हो पाएगा ये स्वीकृति चार महीने बाद दी गई है। जबकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तीन माह में मंजूरी देनी होती है। इससे पूर्व वीसी को ट्रायल शुरु होने से पहले ही 19 जुलाई को जमानत मिल गई थी।
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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रहे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर आय से अधिक संपति होने का आरोप है। करीब उनपर 20 करोड़ गबन का आरोप है। जिसकी जांच बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने की थी। जांच के बाद उनपर मुकदमा दर्ज कर उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया, जिसमें आय से 10 गुणा अधिक संपति का जिक्र किया गया है। हालांकि चार्जशीट दायर होने के बाद भी राजभवन से मंजूरी नहीं मिली थी जिससे ट्रायल शुरु नहीं हो पाया। एसवीयू ने संलग्न दस्तावेजों के साथ मार्च में करीब 1 हजार पेज का अभियोग पत्र दाखिल किया था। कुलाधिपति से इस मामले के 29 अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी थी। जिसमें 10 के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है। अन्य के खिलाफ विवि से स्वीकृति लेनी होगी।