बिहार की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी के विधायक दल नेता शकील अहमद खान के साथ राबड़ी देवी के आवास पहुंचे और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब राहुल गांधी का बिहार दौरा तय है और राज्य की सियासी ज़मीन पर नए समीकरण उभरने लगे हैं।
हालांकि राजेश राम ने इसे “औपचारिक मुलाकात” बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे “सियासी प्लानिंग मीटिंग” के तौर पर देखा जा रहा है। राजेश राम ने कहा कि “यह मुलाकात INDI गठबंधन को मजबूत करने और समय-समय पर बैठक करने की रणनीति को लेकर थी।”
जब तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा बनाने को लेकर सवाल पूछा गया, तो राजेश राम ने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए कहा कि “बहुत जल्द सभी घटक दल मिलकर बैठक करेंगे, उसके बाद सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।”
यानी कांग्रेस अभी अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोल रही, लेकिन संकेत साफ हैं—वो सिर्फ “समर्थक” की भूमिका में नहीं रहना चाहती। चुनावी जमीन पर अपनी हिस्सेदारी और राजनीतिक नेतृत्व को लेकर कांग्रेस अब आक्रामक होती दिख रही है।