बिहार सरकार ने ड्रोन के बढ़ते उपयोग को देखते हुए राज्य में ड्रोन संचालन के लिए नए नियम जारी किए हैं। गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि अब किसी भी ड्रोन को डीजीसीए के डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को केवल प्रशिक्षित रिमोट पायलट ही उड़ा सकेंगे।
ड्रोन उड़ान के लिए तीन जोन:
राज्य सरकार ने ड्रोन उड़ान के लिए पूरे राज्य को तीन जोन में बांटा है:
- रेड जोन: इस क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा, हवाई अड्डे, राज्य सचिवालय, सैनिक संस्थान आदि के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।
- येलो जोन: इस क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए संबंधित एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुमति लेनी होगी। इसमें हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।
- ग्रीन जोन: इस क्षेत्र में 400 फीट तक की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कुछ शर्तों के साथ।
ड्रोन पायलट के लिए लाइसेंस अनिवार्य:
250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को उड़ाने के लिए रिमोट पायलट के पास डीजीसीए द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेना और प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इस प्रमाण पत्र की वैधता 10 वर्ष की होगी।
नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई:
यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके ड्रोन को मार गिराया जा सकता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला स्तरीय समिति का गठन:
राज्य सरकार ने ड्रोन के सुरक्षित संचालन के लिए सभी जिलों में जिला स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति ड्रोन से संबंधित नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी।