बिहार के बेतिया जिले स्थित टीपी वर्मा कॉलेज में चल रही स्नातक मिड टर्म परीक्षा के दौरान ऐसा दृश्य सामने आया जिसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा हॉल में बिजली पूरी तरह से गायब थी, और छात्र मोबाइल की टॉर्च जलाकर अपनी उत्तर पुस्तिकाओं पर लिखने को मजबूर थे। यह दृश्य कैमरे में कैद हुआ और जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया।
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वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि परीक्षा के दौरान न तो बिजली थी, न ही किसी वैकल्पिक व्यवस्था का सहारा लिया गया। छात्रों के चेहरों पर तनाव और आंखों में मोबाइल टॉर्च की चमक स्पष्ट दिखाई दे रही थी। यह दृश्य शिक्षा प्रणाली की बदहाली का प्रतीक बन गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि परीक्षा नियमों के अनुसार परीक्षा केंद्र पर मोबाइल ले जाना और इस्तेमाल करना सख्त वर्जित है। मगर व्यवस्था की नाकामी ने छात्रों को नियमों को तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक रश्मि वर्मा अपने समर्थकों के साथ कॉलेज पहुंचीं। हैरानी की बात यह रही कि उनके सामने भी परीक्षा हॉल में छात्र उसी तरह मोबाइल की रोशनी में परीक्षा देते नजर आए। यह देख विधायक का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा, “जिस कॉलेज की नींव मेरे पूर्वजों ने रखी थी, आज वही अंधकार में डूबा हुआ है- यह सिर्फ बिजली की नहीं, बल्कि व्यवस्था की भी नाकामी है।”
विधायक वर्मा ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कॉलेज में जनरेटर की व्यवस्था होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया। उन्होंने प्रशासन से तीखे सवाल पूछे, “जब बिजली नहीं थी, तो जनरेटर क्यों नहीं चलवाया गया?” लेकिन वहां कोई भी संतोषजनक जवाब देने वाला मौजूद नहीं था।