पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर उनके साले सुभाष यादव ने एक गंभीर आरोप लगाया है। सुभाष यादव ने कहा कि लालू यादव के शासनकाल में अपहरण के कई मामलों को खुद उनके लोग अंजाम देते थे। सुभाष यादव का कहना है कि लालू यादव के निर्देश पर ही उनकी बेटी की शादी में शोरूम से गाड़ियां उठाई गईं थीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें बेवजह बदनाम किया गया और यदि उनके खिलाफ कोई लिखित शिकायत होती, तो आज वे भी लालू यादव की तरह सजा भुगत रहे होते।
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मीडिया से बातचीत में सुभाष यादव ने कहा, “हम तो पागल नहीं हैं। कहीं FIR हुई है मेरे खिलाफ? क्या हम लोग अपहरण करते थे? अपहरण तो वे लोग (लालू यादव के लोग) करवाते थे, और फिर वही लोग छुड़वाते भी थे। तो वही लोग जवाब देंगे।”सुभाष यादव ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कई आरोप लगाए गए, लेकिन जब उस समय के DGP और गृह सचिव मौजूद थे, तो प्रशासन क्या कर रहा था? “क्या उस समय FIR नहीं दर्ज करनी चाहिए थी?”
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सुभाष ने यह भी बताया कि लालू यादव की बेटी की शादी में गाड़ियां उठाने का काम भी लालू जी के कहने पर हुआ था। उन्होंने कहा, “लालू जी के कहने पर ही सब काम होता था। उस समय हमने उन्हें समझाया था कि यह गलत है, मत करिए। लेकिन उनके कमिश्नर समधी थे, इसलिए धौंस दिखा रहे थे। जो गड़बड़ी की, वही सजा भुगत रहे हैं।
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इस आरोप के बाद अब सुभाष यादव के भाई साधु यादव सामने आ गए हैं। साधु यादव ने इस आरोप को निराधार, बेबुनियाद बताते हुए कहा, “उससे (सुभाष यादव) पूछना चाहिए कि तुम वहां क्या करते थे? 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गए और 15 वर्ष आरजेडी का शासन था तो 35 वर्षों के बाद उनकी आंख खुली? ऐसा लगता है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से कुछ पाने या कोई पद हासिल करने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं।”
साधु यादव ने कहा, “मैंने लालू यादव को पहले ही कहा था कि इसको (सुभाष) तवज्जो मत दीजिए. लोग अक्सर मुझे उसके जैसा ही समझ लेते थे। साधु-सुभाष एक पर्यायवाची शब्द बन गए थे। वह सभी हरकतों में लिप्त रहता था और मुझे बिना किसी कारण साझीदार समझा जाता था।”
दूसरी ओर आरजेडी ने भी पलटवार किया है। आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने सुभाष यादव के बयान पर कहा कि कोई भी ऐसे व्यक्ति की आलोचना पर विश्वास नहीं करेगा, जिसने हमारे पार्टी अध्यक्ष को बदनाम किया और जो अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे सुप्रीमो (लालू यादव) के बयान ने सत्तारूढ़ गठबंधन को परेशान कर दिया है इसलिए निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन हमारे नेता खुद में एक संस्था हैं। उनके कई विरोधियों और सहयोगियों ने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इस तरह के निराधार आरोप से उसे कम नहीं किया जा सकता।