भारत का आईसीसी अंडर-19 विश्वकप 2024 का चैंपियन बनने का सपना आज अधूरा रह गया। 11 फरवरी रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पुरुष वर्ग का फाइनल मुकाबला दक्षिण अफीका के बेनोनि में खेला गया। मैच की शुरुआत धमाकेदार हुई जब टॉस जीतकर पहली बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया के सैम कॉनसाट्स को राज लिंबानी ने बोल्ड कर दिया। भारत को सिर्फ 16 रन के स्कोर पर पहली सफलता मिल गई थी, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया के गेंदबाज ढीले पड़ते हुए नजर आए, जिसके कारण हैरी डिक्सन और ह्यू वेइब्गेन के बीच दूसरे विकेट के लिए 78 रनों की साझेदारी हो गई। ऑस्ट्रेलिया की यह साझेदारी बेशक धीमी रही, लेकिन उन्होंने अपने विकेट को बचाए रखा, जिसके कारण टीम इंडिया के गेंदबाज अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 254 रनों का लक्ष्य रखा था। टूर्नामेंट के फाइनल में आज तक किसी भी टीम ने इतना बड़ा स्कोर खड़ा नहीं किया था। ऐसे में भारतीय टीम इस दबाव में बिखर गई। लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया 43.5 ओवर में 174 रन बनाकर सिमट गई। देखा जाये तो इस हार के पीछे कई वजह रहे। अपने सीनियर टीम को हाल में ऑस्ट्रेलिया की ही सीनियर टीम से विश्वकप में मिली हार का सबक U-19 टीम ने नहीं लिया। फाइनल मुकाबले में टीम में वो आत्मविश्वास या दक्षता नहीं देखने को मिली जो इस विश्वकप के फाइनल से पहले के मैचों में देखने को मिला था। बल्लेबाजी या गेंदबाजी, दोनों हीं क्षेत्रों में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा। गेंदबाजी में भारत के लिए राज लिंबानी के अलावा और कोई भी अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए। भारतीय टीम की सबसे मजबूत कड़ी में से एक मध्यक्रम की बल्लेबाजी फाइनल में बुरी तरह से फ्लॉप रही। आखिरकार इस फाइनल मैच में भारत को खिताबी हार मिली।
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