बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को माहौल पूरी तरह गरमा गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के ‘लौंडा नाच’ वाले बयान पर जमकर हमला बोला। सदन में तेजस्वी ने न केवल सत्ता पक्ष को घेरा बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत पर दिए गए बयान को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “ये खुद उसी कैटेगरी में शामिल थे, ताली पीटने में! लौंडा नाच बिहार की समृद्ध संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। भिखारी ठाकुर हमारी धरोहर हैं, जिन्हें ‘शेक्सपियर ऑफ भोजपुरी’ कहा जाता है। क्या लौंडा नाच हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है? लेकिन इन लोगों ने इसका मजाक उड़ाने का काम किया।”
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बिहार में लालू राज (1990-2005) पर तंज कसते हुए कहा था कि “अगर 1990 से 2005 तक बिहार में काम हुआ होता, तो आज नीतीश कुमार को मेहनत नहीं करनी पड़ती। तब केवल ‘लौंडा नाच’ और नाच-गाना होता था।” सम्राट चौधरी के इस बयान ने विपक्ष को आक्रोशित कर दिया। तेजस्वी यादव ने इसका करारा जवाब देते हुए कहा कि यह बयान बिहार की संस्कृति और विरासत को अपमानित करने वाला है। उन्होंने भिखारी ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि भोजपुरी लोक नाट्य परंपरा का यह अभिन्न अंग है और इसे लेकर सत्ता पक्ष के लोग बेतुके बयान दे रहे हैं।
“पिता-बेटी के रिश्ते पर भी दिया असभ्य बयान”
तेजस्वी यादव ने सदन में डिप्टी सीएम पर और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी न सिर्फ बिहार की संस्कृति बल्कि पारिवारिक रिश्तों पर भी असभ्य टिप्पणियां कर चुके हैं। तेजस्वी ने कहा कि जब मेरी बहन ने पिता लालू यादव को किडनी दी थी, तब इन्होंने कहा था कि यह टिकट पाने के लिए किया गया है! सोचिए, ये कैसी मानसिकता है? परिवारिक रिश्तों को भी राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बयान सिर्फ लालू परिवार का नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों का अपमान है जो अपने माता-पिता की सेवा करते हैं।
“अपराधियों की जाति क्यों गिन रहे हैं?”
तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध और सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज अपराधियों की जाति गिनी जा रही है, जबकि अपराधियों का कोई धर्म या जाति नहीं होती। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर जाति ही गिननी है तो मुख्यमंत्री और डीजीपी को आदेश दें कि अपराधियों की जाति का भी ब्यौरा जारी किया जाए। देखिए, कौन लोग सबसे ज्यादा अपराध कर रहे हैं! तेजस्वी का यह बयान साफ तौर पर सत्ता पक्ष को असहज कर गया। उन्होंने कहा कि सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल हो चुकी है और अब वह इसे जातिवाद के चश्मे से देख रही है।