Bihar Election: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बड़ी राजनीतिक पहल करते हुए देश के 35 प्रमुख विपक्षी नेताओं को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Summary Revision – SIR) के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया है। तेजस्वी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं को यह पत्र भेजा है।
बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) को लेकर विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग (Election Commission) भाजपा सरकार के इशारे पर मतदाता सूची से लाखों नाम गैरकानूनी तरीके से हटा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया में 12 से 15 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं, जिससे लोकतंत्र (Democracy) और संवैधानिक मूल्यों (Constitutional Values) को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
तेजस्वी यादव ने जिन 35 नेताओं को पत्र भेजा है, उनमें प्रमुख हैं:
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
- समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव
- इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के अन्य घटक दलों के नेता
विपक्षी दलों का मानना है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) की वर्तमान प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। उनका आरोप है कि:
- बिना मतदाताओं की सहमति के नाम हटाए जा रहे हैं
- गरीब और वंचित तबके (Underprivileged Sections) के लोग प्रमाणपत्र जमा नहीं कर पा रहे
- पहले ही 35 लाख नाम सूची से हटाए जा चुके हैं
- यह प्रक्रिया विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के बाद होनी चाहिए
इससे पहले भी इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने बिहार बंद (Bihar Bandh) का आयोजन कर इस मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने पटना में बड़ा मार्च (Protest March) निकाला था। विपक्ष का मानना है कि यह प्रक्रिया राज्य में भाजपा सरकार (BJP Government) को फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है।