Tejashwi Yadav Review: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पहली बार इतनी गहरी रणनीतिक समीक्षा मोड में नजर आ रही है। राज्य की राजनीति में लंबे समय तक सबसे बड़ी विपक्षी ताकत माने जाने वाली पार्टी को इस बार 143 में से केवल 25 सीटें मिलीं, जिससे पार्टी कैम्प में निराशा जरूर है, लेकिन हार के बाद खामोशी को रणनीतिक चुप्पी माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव, जो चुनाव से लेकर अंतिम मतगणना तक पूरे अभियान के चेहरे रहे, उन्होंने अब मीडिया और पब्लिक अपीयरेंस से दूरी बना ली है। लेकिन अंदरखाने संकेत साफ हैं कि राजद हार को स्वीकार जरूर कर रही है, लेकिन इसे आखिरी अध्याय नहीं मान रही। तेजस्वी यादव ने पार्टी के सभी प्रत्याशियों के साथ वन-टू-वन बैठक की रणनीति तैयार की है, ताकि यह समझा जा सके कि हार के पीछे असल कारण संगठनात्मक कमजोरी है, रणनीति की चूक है या जनता के मूड को पार्टी समझ नहीं पाई।
राजद की इस समीक्षा बैठक को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण की बैठकें 26 नवंबर से 04 दिसंबर तक चलेंगी, जिसमें उन प्रत्याशियों से बातचीत होगी, जिनकी सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ था। वहीं दूसरे चरण की बैठकें 05 दिसंबर से 09 दिसंबर तक आयोजित होंगी। इन बैठकों के दौरान उम्मीदवारों से मतदान पैटर्न, बूथ लेवल रिपोर्ट, संगठन की भूमिका, सहयोगी दलों का प्रदर्शन और उम्मीदवार चयन जैसे विषयों पर विस्तृत फीडबैक लिया जाएगा।
राजद के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव इन रिपोर्टों के आधार पर आगे की योजना तैयार करेंगे और पार्टी की नई राजनीतिक दिशा तय होगी। माना जा रहा है कि समीक्षा पूरी होने के बाद तेजस्वी अपने राजनीतिक तेवर के साथ विपक्ष की भूमिका में ज्यादा आक्रामक अंदाज में नजर आ सकते हैं।
इधर बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी 5 दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है। इस छोटे सत्र में शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और व्यय विवरणी जैसी प्रक्रियाएं मुख्य रहेंगी। इसलिए इस सत्र में तेजस्वी को विपक्ष के रूप में बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने का समय भले कम मिले, लेकिन समीक्षा बैठकें पूरी होने के बाद वो सरकार की नीतियों पर सीधा हमला करने की तैयारी में दिखेंगे।






















