चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) में हुए फर्जीवाड़े को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीखा हमला बोला. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार में तीन लाख घरों में जीरो हाउस नंबर है। क्या यह मजाक है? यह किस तरह की प्रक्रिया है? आप यहां लोकतंत्र को मजबूत करने, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हैं। अगर विपक्ष कोई सवाल उठा रहा है, प्रक्रिया के बारे में कोई शिकायत कर रहा है या कोई सुझाव दे रहा है। पहले, आपने किसी अन्य राजनीतिक दल को बुलाए बिना निर्णय लिया, लेकिन फिर भी, इसे कम से कम आसान किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी ने इसमें कई सबूत भी दिए हैं। अब यह बिहार में एक नए तरीके से हो रहा है। इसलिए यह काम नहीं करने वाला है। हम देखेंगे कि विजय सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं। अगर विजय सिन्हा दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। अगर चुनाव आयोग दोषी पाया जाता है, तो चुनाव आयुक्त को आना चाहिए और एसआईआर वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।”
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तेजस्वी यादव ने कहा कि BJP लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। हमने कई बार कहा है कि SIR बहुत बड़ा फ्रॉड है। मामला कोर्ट में भी है और हम पूरे सबूत के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे कि किस तरह का फ्रॉड हो रहा है। अब इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि SIR के बाद भी बिहार के उपमुख्यमंत्री का नाम दो जगह वोटर लिस्ट में है। संशोधन के बाद भी और पूरी तरह से संशोधन के बाद भी। इससे बड़ा कोई सबूत नहीं है कि कितना बड़ा फ्रॉड हो रहा है। चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट रोल फाइल वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इससे पहले वोटर सर्विस पोर्टल से एक टेक्स्ट बेस्ड PDF डाउनलोड किया गया था। टेक्स्ट बेस्ड का मतलब है कि हम फलां का नाम डालेंगे और सर्च करेंगे। नाम डालते ही वो सामने आ जाएगा। अब इन लोगों ने क्या किया है? इमेज बेस्ड PDF डाउनलोड हो रहा है।”
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तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ईपिक कार्ड का विवरण मीडिया के सामने पेश किया और दावा किया कि यह जानकारी उन्होंने आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन चेक कर दिखाई। उन्होंने कहा, “मुझे तो दो वोटर आईडी कार्ड के मामले में चुनाव आयोग ने पहले ही नोटिस भेजा था। मैंने 8 अगस्त को अपना जवाब स्पीड पोस्ट से आयोग को भेज दिया है। अब देखना है कि पटना और लखीसराय जिला प्रशासन विजय कुमार सिन्हा को कब नोटिस करता है।”
प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने एक और दावा किया। उन्होंने कहा, “हमारे माता–पिता का अलग, भाई–बहन का अलग और मेरा किसी और के साथ चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट में नाम है। यह बताता है कि मतदाता सूची कितनी गड़बड़ है।” तेजस्वी ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता के साथ काम करने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र में ऐसी गड़बड़ियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।