रांचीः मनी लांड्रिंग के आरोप में फंसे पूर्व मंत्री आलम गीर आलम के कार्यकाल के सभी टेंडर को रद किया जाएगा. इसके साथ ही उनके कार्यकाल में हुए टेंडर आवंटन कि पूरी प्रकिया फिर से आरंभ होगी. बता दें कि मनी लांड्रिंग केस में मंत्री और अफसरशाही के बड़े नाम सामने आयें है उन सभी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है. उनपर टेंडर आवंटन में भारी कमीशन वसूलने का आरोप लगा है. वहीँ इडी की जाँच में ये बात सामने आई है कि पूर्व मंत्री ने अपने करीबी अधिकारीयों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया है. इसलिए अब आलम गीर आलम के कार्यकाल में जारी हुए सभी टेंडर को रद करने कि प्रकिया आरंभ होगी.
बता दें ग्रामीण विकास विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि कार्य आवंटन की पूरी प्रक्रिया नए सिरे से आरंभ हो. हालाँकि विभाग के आकलन के बाद ही कार्य का आवंटन होगा. वहीँ काम पारदर्शी तरीके से हो इस बात पर विभाग का जोर है. मालूम हो कि इडी ने इस मामले में पूर्व मंत्री व् उनके करीबी अधिकारीयों के खिलाफ इडी कोर्ट में महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा कराएँ है. जिसमे केवल जनवरी के महीने में 92 करोड़ के 25 टेंडर का ब्योरा कोर्ट में जमा किया गया है. आगे इसमें मंत्री के खिलाफ उल्लेख है कि आलमगीर आलम ने पद का दुरूपयोग करते हुए इतने टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे. इन सब साक्ष्य के बाद ईडी की जांच में यह तथ्य भी सामने आया था कि आलम के कमीशन में मिले रुपयों के लेनदेन का हिसाब किताब उनके सचिव संजीव कुमार लाल रखते थे.
वहीँ इस बात कि जानकारी मिली कि संजीव कुमार लाल के ही निर्देश पर उसका नौकर जहांगीर आलम नकदी को सुरक्षित ठिकाने पर जमा करता था. विदित हो कि इडी कि उसके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान ही इस कांड का पूरा पर्दाफाश हुआ था. ईडी ने आलम के विशेष कार्य अधिकारी संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के पास उनके फ्लैट से 36 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त किया था जिसके बाद उन्हे गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही मई के माह मे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
बतातें चले कि शनिवार को इस मामले के आरोपी पूर्व मंत्री आलम गीर आलम कि जमानत अर्जी पर कोर्ट मे सुनवाई हुई. आलम के अधिवक्ता ने मंत्री का बचाव करते हुए कोर्ट के समक्ष कई पक्ष भी रखे. बचाव पक्ष का कहना था कि पूर्व मंत्री आलम गीर आलम के खिलाफ कोई प्रेडीकेट ऑफेंस नहीं है. इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं चल सकता. अधिवक्ता अजित कुमार ने कहा कि ईडी को जो कैश बरामद हुई है, उससे उनका लेना देना नहीं है. मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आलमगीर आलम ने 19 जुलाई को बेल के लिए याचिका दाखिल की थी. इसके बाद ईडी ने जवाब के लिए कोर्ट से समय मांगा था.