Tej Pratap Yadav Electricity: बिहार में हर घर में स्मार्ट मीटर लगाकर प्रीपेड बिलिंग सिस्टम लागू हो चुका है और राज्य सरकार ने हाल ही में हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। इस पहल के तहत स्मार्ट प्री-पेड मीटर धारकों को रिचार्ज न करने पर भी बिजली कटौती नहीं होगी। लेकिन इस सब के बीच, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के निजी आवास का कनेक्शन अभी भी पोस्ट-पेड है और करीब 3 लाख 56 हजार रुपये का बकाया होने के बावजूद बिजली सप्लाई चालू बनी हुई है, यह सरकार की नीतिगत व्यवस्था और समानता की घोषणा को भी प्रश्नों के घेरे में ला रहा है।
बिहार ऊर्जा विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार तेज प्रताप यादव के बेउर स्थित घर (कंज्यूमर अकाउंट नंबर 101232456) का आखिरी बिल जुलाई 2022 में जमा किया गया था। उस समय उन्होंने 1,04,799 रुपये दिए थे। उसके बाद नवंबर 2025 तक एक भी बिल जमा नहीं हुआ। विभाग में बकाया राशि इस प्रकार है ऊर्जा शुल्क: ₹2,30,160.54, विलंब शुल्क: ₹23,681.59, अन्य शुल्क: ₹71,142.15 कुल मिलाकर ₹3,24,974.28। नवंबर 2025 का बिल जोड़ने पर यह आंकड़ा ₹3,56,135 तक पहुंच गया। विभागीय नियम के अनुसार, 25 हजार रुपये से अधिक बकाया होने पर कनेक्शन काटा जाना चाहिए; मगर तेज प्रताप यादव के मामले में यह कार्रवाई नहीं हुई।
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यह असमान व्यवहार इसलिए भी ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि राज्य-सरकार ने स्मार्ट मीटर और मुफ्त बिजली योजना से यह सुनिश्चित करने का दावा किया है कि बिजली वितरण में पारदर्शिता रहेगी, बकाया बिल वाले कनेक्शन समय पर बंद होंगे और लाभ-प्राप्ति समान होगी। लेकिन तेज प्रताप यादव के मामले ने इस दावे की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभागीय सूत्र इस बात का दावा करते हैं कि किसी जनप्रतिनिधि या नाम-चीन व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि ‘कंज्यूमर आईडी’ के आधार पर कार्रवाई की जाती है फिर भी यह बकाया अदा न होने के बाद भी आपूर्ति जारी रहना, बड़े प्रश्न खड़े करता है।
बताया जाता है कि पोस्टपेड कनेक्शन 7 जुलाई 2012 को लगाया गया था और तीन-फेज़ अर्बन कनेक्शन है। विभाग का कहना है कि यह कनेक्शन सक्रिय है क्योंकि नाम पर रसीद है और रिकॉर्ड में उपभोक्ता दर्ज है। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिल रही कि विभाग पिछले तीन साल में बकाया राशि वसूली या नोटिस भेजने के लिए कितनी कोशिश कर चुका है। वहीं, राज्य की ऊर्जा कंपनियों ने बकाया वसूली बढ़ाने के लिए नई रणनीति अपनाई है।
कार्मिकों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी पुराने बकाएदारों की वसूली तेज की जाए। जिस शाखा में वह कनेक्शन है, वहां तीन-तीन कर्मचारियों की टीम दैनिक आधार पर 30 बड़े बकाएदारों तक जा कर रिकवरी करेंगी। यह व्यवस्था मार्च 2026 तक लागू रखने का निर्णय लिया गया है।
















