कोडरमा: जननी सुरक्षा योजना में घोटाले की जांच पूरी कर ली गई है। सतगावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिपिक अजीत कुमार और बीटीटी दिनेश चौधरी पर गड़बड़ी और घोटाला करने का आरोप साबित हुआ है। बता दें इस घोटाले की जांच में यह बात सामने आई है कि जनवरी से अभी तक 14 लाख रुपए का गबन किया गया है। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी पत्रकारों को देते हुए डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि गबन की गई राशि की रिकवरी के साथ दोषी कर्मियों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करते हुए विभागीय करवाई करने की अनुशंसा की गई है।
बता दें कि इस घोटाले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सत्यनारायण भगत की लापरवाही भी उजागर हुई है और उनके खिलाफ भी विभाग से शिकायत की जाएगी। मालूम हो कि जननी सुरक्षा योजना में घोटाले को लेकर उपायुक्त के निर्देश पर डीडीसी ऋतुराज की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने इस मामले की बेहद सूक्षमता से जांच की जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बैंकों के लेनदेन भी शामिल रहा।
इस जांच में यह पाया गया कि लिपिक अजीत कुमार और बीटीटी दिनेश चौधरी ने मिलकर संस्थागत प्रसव के बाद महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत दिए जाने वाली राशि का बंदरबाट किया है साथ ही यह रकम अपनी पत्नी और बच्चों के अलावे दूसरे के खाते में ट्रांसफर किया है। बतातें चलें कि इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव के बाद महिला को 1400 की राशि दी जाती है।