अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों ने भारत अमेरिका संबंधों में खटास पैदा कर दी है। यह सिर्फ कूटनीति खेल नहीं, बल्कि रणनीति संतुलन का मामला बन गया है।साउथ एशिया विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन के अनुसार, भारत लंबे समय से जानता रहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान दोस्ताना, यहां तक कि सैन्य संबंध रख सकते हैं. लेकिन हालिया तेजी और पाकिस्तान के साथ अमेरिका की नई नजदीकियों ने इसे एक “सेंसिटिव टेंशन पॉइंट” बना दिया है.
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पाकिस्तान और सऊदी अरब ने हाल ही में रणनीतिक रक्षा समझौता किया, जो क्षेत्रीय सुरक्षा पर बड़ा असर डाल सकता है. कुगेलमैन के अनुसार, यह समझौता भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पाकिस्तान औपचारिक रूप से मध्य पूर्व की सुरक्षा संरचना में शामिल हो गया है. कुगेलमैन ने कहा, “सऊदी अरब भारत के साथ मजबूत संबंध रखता है. यह समझौता सऊदी-भारत संबंधों में बाधा नहीं बनेगा. लेकिन पाकिस्तान अब चीन, तुर्की, गल्फ देशों और अमेरिका के साथ मजबूत साझेदारी के साथ-साथ सऊदी अरब के साथ औपचारिक सैन्य गठबंधन में शामिल हो गया है. इससे भारत के लिए नए सुरक्षा और कूटनीतिक चैलेंज पैदा हुए हैं.
हालांकि, विशेषज्ञ ने भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “भारत के पास यूरोप, इजराइल, मध्य पूर्व और रूस के साथ मजबूत साझेदारी है, जो इसे इस नए परिदृश्य में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी. मध्य पूर्व भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं के लिए बेहद अहम है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.






















