बिहार में इस समय भूमि सुधार और राजस्व से जुड़ा सबसे बड़ा महाअभियान चल रहा है. राज्य सरकार विशेष भूमि सर्वेक्षण के जरिए हर जमीन मालिक को रिकॉर्ड से जोड़ने की कवायद कर रही है.सरकार ने अब साफ कर दिया है कि ऐसे लोग भी सर्वेक्षण से बाहर नहीं होंगे. वे स्वघोषणा पत्र भरकर अपनी जमीन को रिकॉर्ड में दर्ज करा सकेंगे.
सरकार ने घोषणा की है कि पुराने दस्तावेज न होने की स्थिति में 15 वैकल्पिक कागजात मान्य होंगे. हालांकि सूची औपचारिक रूप से अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि इनमें बिजली बिल, पानी बिल, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पंचायत या नगर निकाय से जारी प्रमाणपत्र, वंशावली प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज शामिल होंगे. इनकी मदद से लोग अपनी पहचान और जमीन पर स्वामित्व को साबित कर पाएंगे.
राज्य सरकार का साफ कहना है कि इस महाअभियान का उद्देश्य किसी को बाहर करना नहीं, बल्कि सभी को राजस्व अभिलेखों में दर्ज करना है. यही कारण है कि स्वघोषणा पत्र की व्यवस्था की गई है. इससे भूमि सुधार प्रक्रिया में तेजी आएगी और राजस्व रिकॉर्ड पारदर्शी होंगे.






















