मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत को लेकर जिस उत्साह की उम्मीद सरकार ने जताई थी, वह अब वास्तविकता में बदलती दिख रही है. ग्रामीण इलाकों से शुरू हुई जीविका योजना अब शहरों में भी उतनी ही तेजी से पैर पसार रही है.
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रुआत में जीविका योजना को ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण का औजार माना गया था. समूह बनाकर महिलाएं बचत और लोन की प्रक्रिया से छोटे स्तर पर रोजगार और कारोबार शुरू करती थीं. धीरे-धीरे इसका असर पंचायत स्तर से ब्लॉक और जिले तक दिखने लगा. लेकिन अब जब मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत सीधा 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जा रही है, तो शहरों की महिलाएं भी बड़ी संख्या में इससे जुड़ रही हैं.
महज सात दिनों में 4.5 लाख नए आवेदन और कुल मिलाकर 10 लाख से ज्यादा आवेदन इस बात का सबूत हैं कि महिलाएं इस योजना से जुड़ने को लेकर कितनी गंभीर हैं. अभी राज्य में 3.12 लाख स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, लेकिन नए आवेदनों की बाढ़ से यह संख्या और बढ़ने वाली है. सरकार को उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में यह आंकड़ा और चौंकाने वाला होगा.






















