झारखंड विधानसभा चुनाव में वैसे तो भाजपा, आजसू, झामुमो और कांग्रेस के बीच होता रहा है। लेकिन बिहार की सत्ता में 19 सालों से फ्रंट सीट पर बैठी जदयू अगले चुनाव के ठीक पहले सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल, इस बार पहले ही तय हो गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ ही जदयू लड़ेगा। दोनों के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो चुका है। वैसे झारखंड में जदयू अपनी जड़ें जमाने की कोशिश पहले से भी करता रहा है। आरसीपी सिंह का टिकट काट कर जदयू ने झारखंड के खीरू महतो को राज्यसभा भेजा था। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू ने ऐसे दो ‘महारथियों’ को साध लिया है, जिन्होंने राज्य के मुख्यमंत्रियों को हराया है।
सबसे पहले जदयू ने सरयू राय को अपनी पार्टी में शामिल कराया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और सरयू राय की दोस्ती पुरानी है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरयू राय औपचारिक तौर पर जदयू में शामिल हो गए। सरयू राय पहले भाजपा में थे। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में बगावत करने वाले सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया। उस चुनाव में भाजपा पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी पिछड़ गई और रघुवर दास पर उस हार की ऐसी राजनीतिक चोट पड़ी कि वे सक्रिय राजनीति से बाहर हो गए।
सरयू राय के बाद अब जदयू ने राजा पीटर को पार्टी में शामिल कराया है। राजा पीटर झारखंड की राजनीति में जाना पहचाना नाम हैं। तमाड़ से वे विधायक भी रहे हैं। जदयू में पहले भी रहे हैं लेकिन बाद में अलग हो गए थे। इसके अलावा राजा पीटर की बड़ी उपलब्धि यह भी है कि उन्होंने झामुमो के सबसे बड़े नेता शिबू सोरेन को तमाड़ विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में हरा दिया। अब एक बार फिर राजा पीटर जदयू में आ गए हैं।