बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्य में इफ्तार पॉलिटिक्स तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी के आयोजन के बाद अब राजद प्रमुख लालू यादव भी अपने समर्थकों के लिए इफ्तार पार्टी आयोजित कर रहे हैं। हालांकि इस बार इफ्तार पार्टी का आयोजन राबड़ी देवी के आवास की बजाय पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर पर हो रहा है, लेकिन इसका राजनीतिक महत्व बहुत बढ़ गया है। खासकर उन मुस्लिम संगठनों के नेताओं की नजरें इस आयोजन पर हैं, जिन्होंने कल नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था।
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इधर, राजद के नेताओं का दावा है कि लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कई प्रमुख सियासी दलों के नेता और मुस्लिम समाज के लोग शामिल होंगे। ये वही मुस्लिम नेता हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, कई मुस्लिम धार्मिक संगठनों के नेता भी लालू यादव की इफ्तार पार्टी में शरीक होंगे।
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बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे थे, हालांकि कई मुस्लिम संगठनों ने इसे लेकर अपनी असहमति जताई थी और मुस्लिम समाज से इस आयोजन में शामिल न होने की अपील की थी।
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लालू यादव की इफ्तार पार्टी पर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। महागठबंधन के सभी नेताओं और रोजेदारों को इस इफ्तार पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया गया है। वहीं, कांग्रेस और राजद के रिश्तों पर भी इस इफ्तार पार्टी के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कांग्रेस के नये अध्यक्ष राजेश राम और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू अब तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से नहीं मिले हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या ये दोनों नेता आज की इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं या नहीं।