मुजफ्फरपुर जंक्शन पर खड़ी पूर्वांचल एक्सप्रेस में आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। ट्रेन के जनरल कोच में एक महिला को चार कछुआ के साथ गिरफ्तार किया।महिला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से कोलकाता जा रही थी। वहीं, कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद आरपीएफ और जीआरपी ने इन कछुओं को वन विभाग के हवाले कर दिया था।
प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) भारत चिंतापिलई ने बताया कि इंडियन साफ्टशेल या गंगेज साफ्टेशेल कछुए लुप्तप्राय जीव की श्रेणी में आते हैं। इनको पकडऩे या मारने पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।गंगा नदी में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की स्मगलिंग का भंडाफोड़ हुआ है। डीआरआई ने सूचना के आधार पर पटना , हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में छापेमारी की जिसमे आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम शामिल थी।इन कछुओं का इस्तेमाल कोलकाता में दवा के लिए किया बनाने के लिए किया जाता है।राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने वन विभाग को गोरखपुर से कोलकाता जाने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस में कई महिलाओ के कछुआ के साथ यात्रा करने की सूचना दी थी। छापेमारी की भनक मिलते ही महिलाएं भीड़ का फायदा उठाते हुए ट्रेन से उतर गईं।वही एक महिला को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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आपको बता दे कि लुप्तप्राय श्रेणी (सेडयुल वन) में रखे गए इंडियन साफ्टशेल या गंगेज साफ्टेशेल कछुए (टर्टल) पड़ोसी देश नेपाल और चीन में प्रचलित अंधविश्वास का शिकार बन रहे हैं। दोनों देशों में जादू-टोने में इनका काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चीन में इन कछुओं के शरीर के कई हिस्सों का खास तरह की दवा बनाने में भी इस्तेमाल होता है। जिसकी वजह से इन दोनों देशों में कछुओं की काफी मांग रहती है। तस्करों का गिरोह पश्चिम बंगाल के रास्ते इन्हें नेपाल और चीन भेजता है।जहा इनसे कई तरह कि दवाइयां बनाई जाती है। इस बात कि जानकारी आपको होनी चाहिए कि भारतीय प्रजाति के किसी भी कछुए को पालना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसकी तस्करी भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है।