बिहार पुलिस महकमे से दो कद्दावर और अनुभवी आईपीएस अधिकारी अब दिल्ली की राह पकड़ने वाले हैं। राज्य सरकार ने एडीजी सुशील मानसिंह खोपड़े और आईजी शालीन को केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्त कर दिया है। गृह विभाग की अधिसूचना के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों अधिकारियों की नई भूमिका अब राष्ट्रीय स्तर पर होगी।
सुशील खोपड़े को मिला ‘नेवीगेशन सिस्टम’ संभालने का जिम्मा
एडीजी (मद्यनिषेध) सुशील खोपड़े, जो अब तक बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पहचाने जाते थे, उन्हें भारत सरकार के पोत परिवहन महानिदेशालय में संयुक्त सचिव स्तर के अपर महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। यह पद पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
खोपड़े की नियुक्ति 30 सितंबर 2029 तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। यह जिम्मेदारी न केवल उनकी प्रशासनिक दक्षता को रेखांकित करती है, बल्कि केंद्र सरकार की उन पर जताई गई आस्था और भरोसे को भी दर्शाती है।
IG शालीन को मिला CRPF में बड़ी जिम्मेदारी
वहीं, बिहार पुलिस में एटीएस और सुरक्षा विंग का नेतृत्व करने वाले आईजी शालीन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में आईजी पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। शालीन की गिनती कठोर अनुशासनप्रिय और रणनीतिक सोच वाले अधिकारियों में होती है।
आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कड़ा रवैया, खुफिया नेटवर्क की मजबूती और वीआईपी सुरक्षा प्रबंधन में उनकी भूमिका सराही जाती रही है। अब उन्हें देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था के सबसे बड़े सशस्त्र बलों में से एक का नेतृत्व करना है।
क्या कहता है यह ट्रांसफर?
यह कदम न सिर्फ बिहार पुलिस के लिए एक सम्मानजनक पहचान है, बल्कि यह संकेत भी है कि राज्य के अधिकारी राष्ट्रीय भूमिका में कितने महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा दो वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी देना, बिहार प्रशासनिक क्षमता की पुष्टि के तौर पर देखा जा रहा है।