बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो रही है, और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आखिरकार सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा कर दी है। इस घोषणा के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम एक बेहद भावुक संदेश जारी किया है।
संदेश में उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर पार्टी की मजबूरियों को साफ-साफ बयान किया, साथ ही कार्यकर्ताओं से धैर्य रखने और गठबंधन की मजबूती पर भरोसा बनाए रखने की अपील की। यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। एनडीए की सीट बंटवारे की घोषणा 12 अक्टूबर को दिल्ली में हुई, जिसमें भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) को बराबर 101-101 सीटें मिली हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गईं, जबकि छोटे सहयोगी दलों—आरएलएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)—को महज 6-6 सीटें ही आवंटित की गईं। इस फॉर्मूले पर आरएलएम और हम के नेताओं में असंतोष की लहर दौड़ गई है।
उपेंद्र कुशवाहा ने 12 अक्टूबर की शाम को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं के दर्द को महसूस करते हुए लिखा: “प्रिय मित्रों/साथियों, आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पायी। मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों – लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। परन्तु आप सभी..”।
संदेश में कुशवाहा ने आगे कहा कि पार्टी की मजबूरी और गठबंधन की व्यापक रणनीति के कारण यह निर्णय लिया गया। उन्होंने लिखा, “एनडीए परिवार में सबकी एकता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है, और हम इसी के लिए प्रतिबद्ध हैं। गुस्सा शांत कीजिए, आने वाला समय सब कुछ बता देगा।” यह संदेश न केवल आरएलएम कार्यकर्ताओं के बीच भावुकता पैदा कर रहा है, बल्कि विपक्षी दलों को भी मौका दे रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “एनडीए में छोटे दलों का अपमान हो रहा है। जनता अब बदलाव चाहती है।”






















