बिहार की राजनीति में इन दिनों एक सवाल गर्म है कि क्या RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी से नाराज हैं? लंबे समय से पार्टी के कार्यक्रमों से उनकी दूरी और आरजेडी कार्यालय में उनकी गैर-मौजूदगी ने इस अटकल को और हवा दे दी है। लेकिन उनके बेटे और बक्सर से सांसद सुधाकर सिंह ने इन कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है।
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“पार्टी का काम सिर्फ दफ्तर में बैठकर नहीं होता” – सुधाकर सिंह
पटना में मीडिया से बात करते हुए सुधाकर सिंह ने दो टूक कहा कि “अगर मेरे पिता नाराज होते, तो अब तक उनके कई बयान सामने आ चुके होते। उनकी चुप्पी की वजह नाराजगी नहीं, बल्कि स्वास्थ्य कारण हैं। पार्टी का काम सिर्फ दफ्तर में बैठकर नहीं किया जाता, बल्कि कहीं से भी किया जा सकता है।”
क्या इस्तीफा देंगे जगदानंद सिंह?
बीते कुछ महीनों से बिहार के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव RJD का प्रदेश अध्यक्ष बदल सकते हैं। हालांकि, सुधाकर सिंह ने इस पर भी विराम लगाते हुए कहा कि “मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है। वे पार्टी के साथ हैं और आगे भी रहेंगे।”
खामोशी की वजह बीमारी या कुछ और?
RJD के कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों से जगदानंद सिंह की गैर-मौजूदगी सवाल खड़े कर रही है। 18 जनवरी को पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भी वह नहीं पहुंचे थे। सवाल उठ रहा है कि क्या स्वास्थ्य कारण वाकई एकमात्र वजह है या फिर पर्दे के पीछे कोई बड़ा सियासी खेल चल रहा है?
विधानसभा चुनाव से पहले RJD में खलबली
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता की गैर-मौजूदगी ने पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को लेकर चर्चाओं को तेज कर दिया है। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं। पहला सवाल तो यह है कि क्या लालू-तेजस्वी यादव पार्टी के नेतृत्व में बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं? इसके बाद सवाल उठता है कि क्या जगदानंद सिंह को किनारे किया जा रहा है, या वे खुद किनारा कर रहे हैं? या फिर क्या आरजेडी के भीतर गुप्त असंतोष पनप रहा है?