INDIA गठबंधन की ओर से शुरू की गई ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ अब महज एक अभियान न रहकर एक बड़े जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। इस यात्रा ने न केवल विपक्ष को नई ऊर्जा दी है, बल्कि सत्तारूढ़ दल और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजद नेता मनोज कुमार झा ने इस यात्रा की गूंज को लेकर कहा कि देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इसकी प्रतिक्रिया देख रही है। उन्होंने साफ कहा कि लोकतंत्र की आत्मा जनता के मत में छिपी है और यदि वोट सुरक्षित नहीं है तो नागरिक का वर्तमान और भविष्य दोनों खतरे में हैं। झा ने यह भी जोड़ा कि यह आंदोलन केवल नेताओं तक सीमित नहीं रहा बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर नागरिक इसमें शामिल होकर लोकतांत्रिक आवाज़ बुलंद कर रहा है।
वहीं, राजद के ही युवा नेता संजय यादव का कहना है कि इस यात्रा ने बिहार की जनता में अप्रत्याशित जागरूकता पैदा की है। जनता अब अपने अधिकार को छीनने नहीं देगी। यादव ने इसे सिर्फ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ नहीं बल्कि ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ करार दिया और दावा किया कि बिहार ने तय कर लिया है कि इस बार बदलाव होकर रहेगा।
इधर, सीपीआई (एमएल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने इस अभियान को ऐतिहासिक आंदोलन बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया के माध्यम से 1.5 से 2 करोड़ मतदाताओं के नाम सूचियों से हटाने की साजिश रची गई। भट्टाचार्य का कहना है कि यह केवल वोट का सवाल नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने जनता से अपील की कि आगामी चुनाव में हर वोट का इस्तेमाल सरकार को कड़ा संदेश देने के लिए किया जाए।






















