जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अभी बिहार की यात्रा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अभी समस्तीपुर में चल रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं जहां पदयात्रा कर रहा हूं वहां से पटना तक छटपटाहट और बैचैनी शुरू हो गई है। पटना तक लोग बाप-बाप करने लगे हैं। पटना के नेता भी समझ रहे हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है। विकल्प के अभाव में ये नेता 32 साल से कुर्सी पर बैठे हुए हैं। एक बार जनता जाग गई और विकल्प बना लिया तो इन नेताओं की कहनी खत्म हो जाएगी। पीके ने कहा कि एक बार संकल्प करके निकले हैं कि जब तक पूरे बिहार में पदयात्रा न हो जाए घर लौटने वाले नहीं है।
जिसका लड़ाएंगे उसके आगे किसी को टिकने नहीं देंगे
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि भाजपा को प्रशांत किशोर ने हराया है। पटना के नेता तो भाजपा से लड़ रहे हैं। हमने लड़कर हराया है। बिहार की जनता को चुनना है कि उन्हें लड़ने वालों के साथ रहना है कि लड़कर जीतने वालों के साथ रहना है। आप बिहार के लोग इस बात की चिंता मत कीजिए। बहुत से लोग कह रहे हैं चुनाव कैसे जीता जाएगा? जो ये कह रहा है, उसे मालूम नहीं है। जो मेरा आलोचक है उसे भी पता है कि प्रशांत किशोर को कुछ आता हो या न चुनाव लड़ाना आता है। जिसका हाथ पकड़ कर चुनाव लड़ाएंगे उसके आगे किसी को टिकने नहीं देंगे।