प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय मॉरीशस दौरे पर भारतीय समुदाय से मिले और बिहार तथा बिहारियों की विशेषताओं की जमकर चर्चा की। उन्होंने भोजपुरी में संवाद करते हुए कहा, “नमस्ते… आप लोग ठीक हव ना? आज हमके मॉरीशस के धरती पर आप लोगन के बीच आके बहुत खुशी होत बा।” इस आत्मीय संबोधन ने मॉरीशस में मौजूद प्रवासी भारतीयों का दिल जीत लिया।
उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि ‘पूर्वांचल के सांसद होए के नाते हम जननी कि बिहार के सामर्थ्य केतना ज्यादा बा। एक समय रहे जब बिहार दुनिया के समृद्धि के केंद्र रहल। अब हम मिल के बिहार के गौरव फिर से वापस लाए के काम करल हई जा। दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई लिखाई से कोसों दूर थे तब नालंदा जैसा विद्या का तीर्थ ग्लोबल इंस्टिट्यूट बिहार में था।

बता दें कि इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव है। पीएम मोदी का कई बार बिहार दौरा हो चुका है। साथ ही वह अपने हर इवेंट में बिहार को कनेक्ट कर रहे हैं। हाल ही में महिला दिवस पर उन्होंने अपना सोशल मीडिया हैंडल चलाने के लिये बिहार की ही एक उद्दमी महिला को दिया था। और अब उनकी मॉरीशस यात्रा का कनेक्शन भी बिहार से जुड़ रहा है। मॉरीशस के पीएम डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का बिहार के भोजपुर जिले अलग जुड़ाव है।
डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम मॉरीशस के तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उनकी जड़ें भोजपुर जिले के आरा स्थित हरीगांव से जुड़ी हैं। नवीन रामगुलाम के दादा मोहित रामगुलाम सन् 1800 में कोलकाता बंदरगाह से मॉरीशस गिरमिटिया मजदूर के रूप में गए थे और वहां से उनका परिवार मारीशस में स्थापित हुआ। नवीन रामगुलाम की यह सफलता न केवल मारीशस के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भोजपुर जिले के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि यह यह दिखाता है कि कैसे एक छोटे से भारतीय गांव के व्यक्ति का योगदान दूर-दराज के देशों में महत्वपूर्ण बन सकता है।

ऐसे में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस को “भारत का परिवार” बताते हुए कहा कि यह केवल एक साझेदार देश नहीं, बल्कि भारत और ग्लोबल साउथ के बीच एक पुल की तरह है। उन्होंने इसे ‘मिनी इंडिया’ कहकर संबोधित किया और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और उनकी कैबिनेट के साथ गहरे रिश्तों पर जोर दिया।