चिरैया विधानसभा सीट का इतिहास बहुत पुराना नहीं हैं. इस सीट पर पहली बार 2010 में चुनाव हुआ तबसे लेकर अबतक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्ज़ा है। पहली बार यहां अवनीश कुमार सिंह चुनाव जीते उसके बाद लगातार दो बार यहां लाल बाबू प्रसाद गुप्ता चुनाव जीतते रहे।
राजनीतिक इतिहास
बिहार की चिरैया विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में है। फिलहाल यहां से BJP के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता मौजूदा विधायक हैं। इस सीट का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। 2008 में परिसीमन के बाद चिरैया विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। पहले विधानसभा चुनाव 2010 में यहां से BJP के अवनीश कुमार सिंह जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को हराया था।
पिछले चुनाव के नतीजे
2010 के विधानसभा चुनाव में BJP के अवनीश कुमार सिंह को 39,459 वोट मिले थे जबकि लक्ष्मी नारायण के खाते में 24,631 वोट आए थे। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 55 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था, जबकि 24 हजार से अधिक वोट नोटा के पक्ष में पड़े थे। 2015 में BJP के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने RJD के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को 4 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। लाल बाबू को 42.4 प्रतिशत और लक्ष्मी नारायण प्रसाद को 39.5 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।
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2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर लाल बाबू प्रसाद यहां से विधायक बने, उन्हें 62,904 (37.62%) वोट मिला। वही दूसरे नंबर पर रहे राजद के अच्छेलाल यादव को 46030 (27.53%) वोट मिला। इस चुनाव में निर्दलीय लक्ष्मी नारायन प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर रहे।
जातीय समीकरण:
इस सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाता सबसे अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि ब्राह्मण और राजपूत वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। चिरैया विधानसभा में एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 37,728 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 12.78% है। एसटी मतदाता लगभग 59 हैं जो लगभग 0.02% है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 43,101 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 14.6% है। वही, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 295,214 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 100% है।






















