1952 से अस्तित्व में आया बेतिया विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. 1990 में पहली बार यहां से भाजपा के टिकट पर मदन प्रसाद जायसवाल ने जीत दर्ज की, फिर 1995 में ये सीट जनता दल के खाते में गया और एक बार फिर इस सीट पर भाजपा का कब्ज़ा हो गया. हालांकि 2015 फिर कांग्रेस इस सीट को पाने में कामयाब रहीं लेकिन वर्तमान में यहां से भाजपा की रेनू देवी विधायक है.
राजनितिक इतिहास :
बेतिया विधानसभा सीट पर साल 2000 से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गढ़ में सेंध लगी और कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी इस सीट से विधायक चुने गए. कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे मदन मोहन तिवारी ने बीजेपी की चार बार की विधायक रेणु देवी को 2,320 वोट से हराया था. वही, 2020 में एक बार फिर भाजपा उम्मीदवार रेणु देवी यहां से विधायक बनी.
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साल 2000 से 2010 तक भाजपा की रेणु देवी लगातार चार बार यहां से विधानसभा पहुंची हैं. साल 1990 में पहली बार यहां बीजेपी को जीत मिली थी. तब भाजपा के मदन प्रसाद जयसवाल ने जीत हासिल की थी. साल 1951 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रजापति मिश्रा जीते थे.
चंपारण की कई अन्य विधानसभा सीटों की तरह बेतिया सीट पर भी कभी कांग्रेस पार्टी का कब्ज़ा हुआ करता था. लेकिन 1990 के बाद कांग्रेस का जनाधार बिहार से खत्म होने लगा और इस सीट से भी कांग्रेस का प्रभाव समाप्त हो गया. लेकिन 2015 में लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच हुए महागठबंधन ने इस सीट पर 30 साल बाद कांग्रेस की वापसी में अहम भूमिका निभाई थी.
पिछले चुनाव के नतीजे
2020 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार रेणु देवी ने जीत हासिल की, जिन्हें 84,496 (52.83%) वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी को 66,417 (41.53%) वोट मिले थे. इस सीट पर कुल 56.26% वोटिंग हुई थी.
2015 में बेतिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केमदन मोहन तिवारी ने जीत हासिल की, उन्हें 66,786 (45.26%) वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रही भाजपा की रेनू देवी को 64,466 (43.69%) वोट मिला। कुल वोटिंग की बात करे तो 2015 में इस सीट पर 59.35% वोटिंग हुई थी.
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2010 के चुनावों पर नज़र डालें तो बेतिया विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रेनू देवी की जीत हुई उन्हें कुल 42,010(39.57 %) वोट मिलते वही दूसरे नंबर पर रहें निर्दलीय अनिल कुमार झा को 13,221(12.45%) वोट मिले,इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदन मोहन तिवारी तीसरे नंबर पर रहे. वही इस सीट पर कुल 55.25% वोटिन्ह हुई थी.
जातीय समीकरण:
बेतिया विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों का दबदबा रहा है. रविदास, पासवान और यादव वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. इस सीट के इतिहास में 2015 में दूसरी बार सबसे ज्यादा 59.3% वोटिंग हुई थी. उससे पहले 2000 के चुनाव में यहां 59.9% वोट पड़े थे.
जनसंख्या:
2011 के जनगणना के अनुसार, बेतिया विधानसभा में एससी मतदाता लगभग 33,231 है जो लगभग 11.69% है। एसटी मतदाता लगभग 2,217 है जो लगभग 0.78% है। मुस्लिम मतदाता लगभग 69,930 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 24.6% है। वही, ग्रामीण मतदाता लगभग 181,932 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 64% है। जबकि, शहरी मतदाता लगभग 102,336 है जो लगभग 36% है।
प्रमुख मुद्दे:
2020 में हुए विधानसभा चुनावों में बाढ़, अतिक्रमण और जलजमाव के मुद्दें चर्चा के विषय रहें।






















