संसद (Parliament) से 2019 में पास हुए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को आज केंद्र सरकार (Central government) ने लागू कर दिया है। सीएए (CAA) पास होने पर उठा सवाल आज भी लोगों के मन में है। वह सवाल है इस कानून के तहत पड़ोसी 3 देशों के मुस्लिमों को नागरिकता क्यों नहीं दी जाएगी? इस पर गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने संसद (Parliament) में बताया था कि अफगानिस्तान (Afghanistan), पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) मुस्लिम देश है। इन तीनों देशों में धर्म के नाम पर बहुसंख्यक मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं किया जाता है। वहां हिंदू एवं अन्य समुदाय के लोग ही धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए जाते हैं, इसलिए वहां के मुस्लिमों को सीएए में शामिल नहीं किया गया।
देश में CAA लागू, पड़ोसी 3 देशों के अल्पसंख्यकों को मिलेगी भारतीय नागरिकता, समझें पूरा कानून
पात्र लोगों को कैसे मिलेगी नागरिकता?
सीएए के तहत नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत आकर बसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। इन धर्मों के जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे थे, उनको नागरिकता मिलेगी। सीएए के तहत वो अवैध प्रवासी हैं, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुसे या फिर वैध दस्तावेज के साथ भारत आए हैं, लेकिन तय अवधि से अधिक समय तक यहां रुके हों।
नागरिकता के लिए कैसे करें आवेदन?
नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है। केंद्र सरकार ने पोर्टल तैयार कराया है। नागरिकता पाने के लिए आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब वह बिना किसी भी दस्तावेज के भारत में घुस आए थे। सरकार द्वारा उनसे कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। नागरिकता से जुड़े जो मामले लंबित हैं, उनको ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। पात्र शरणार्थियों को सिर्फ पोर्टल पर आवेदन करना होगा। उसके बाद गृह मंत्रालय आवेदन की जांच कराएगा। फिर आवेदक को नागरिकता दे दी जाएगी। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो इसी महीने पोर्टल को लांच किया जाना है। इसके बाद पोर्टल लाइव कर दिया जाएगा।