चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार( CM Nitish Kumar) के साथ अपनी राजनितिक अदावत के साथ साथ चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) से राजनितिक विरासत की लड़ाई के दोहरे मोर्चे पर लड़ रहे है। वहीं पटना पहुँचने के साथ ही देर रात अपने चाचा पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुँच गए। बता दें कि हाजीपुर, उनके चाचा पशुपति पारस का संसदीय क्षेत्र है और राम विलास पासवान की राजनितिक विरासत वाली जमीन भी है। जंहा से चिराग पासवान के पिता, राम विलास पासवान लम्बे समय तक जुड़े रहे। चाचा के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर के मीनापुर में चिराग अपने पिता राम विलास पासवान के पुराने साथी के घर पहुंचे। राम विलास पासवान के पुराने राजनितिक साथी अवध बिहारी सिंह के घर पहुंचे चिराग पासवान (Chirag Paswan) काफी देर तक घर में लगे पिता की पुरानी तस्वीरों को निहारते रहे।
तस्वीरों के सहारे किया पिता को याद
पिता को याद करते हुए उन्होंने कहा मेरे नेता जिस जगह से जुड़े हुए थे। आज मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ की वंहा पर आउ और उनकी इस भूमि से आशीर्वाद लेकर जाऊ। यह मेरे लिए काफी भावुक क्षण है। साथ ही उन्होंने कहा की मैंने कभी सोचा नहीं था की अपने पिता जी को याद करने के लिए सिर्फ तस्वीरो का सहारा लेना पड़ेगा। मानो जैसे कल की ही बात हो जब मैं उनके साथ हाजीपुर आता था। यह उस समय उनका लोकसभा क्षेत्र रहा था और आज जब मैं आता हु तो लोग उनका जिक्र करते है। उनकी तस्वीरें दिखाते है। उनकी याद दिलाते है। यह सभी चीजे मुझे भावुक करती है लेकिन ताकत भी यही देती है की उनके अधूरे काम को पूरा कर पाउ और संघर्ष कर पाउ।
निर्णायक लड़ाई का एलान
बता दें कि पटना पहुँचते ही चिराग पासवान ने अपने निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए कहा था की अबकी बार पूरी तैयारियों के साथ पटना आया हूं। लड़ाई लम्बी है और इस लम्बी लड़ाई के लिए तैयारी भी लम्बी करके वह पटना पहुंचे है। चिराग ने कहा की बिहार बचाओं अभियान के साथ इस बार वह लम्बे समय तक बिहार में रुकेंगे और इसके लिए चिराग पासवान अपने पुरे परिवार के साथ पटना पहुंचे है ।
नीतीश भी हो शामिल
नीतीश कुमार के साथ अपनी निर्णायक लड़ाई और बिहार बचाओ अभियान के बहाने चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा की नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जे के बहाने जनता को बेवकूफ बना रहे है। साथ ही चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जानते है की बिहार को कभी विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता । इसके बावजूद नीतीश कुमार यह झुनझुना बजा रहे है। उन्होंने आगे कहा की अगर वाकई सीएम बिहार का भला चाहते है तो उन्हें उनके बिहार बचाओ अभियान में उनके साथ रहना चाहिए।
बिहार में डबल इंजन की सरकार
एक लंबे समय से वह बिहार में डबल इंजन की सरकार चला रहे है। आज ऐसी क्या परिस्थिति बनी की तुरंत मुख्यमंत्री को ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्हें लगा की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाना चाहिए। अगर सही में दर्जा चाहिए तो सीएम सड़क पर उतरें, आंदोलन करें जैसे मैं 15 तारीख को सड़क पर उतर कर आंदोलन करने वाला हूं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पुछा की जातीय जनगणना के लिए आप सभी को लेकर प्रधानमंत्री जी के पास गए थे। वैसे ही इस विषय पर नीतीश सभी दलों को लेकर प्रधानमंत्री जी से मिलने क्यों नहीं जाते? क्यों नहीं प्रधानमंत्री जी से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर विशेष दर्जे की बात करते है?