बिहार में आए दिन स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई शिकायतें सुनने को मिलती है। डॉक्टरों के लापरवाही (Doctor’s Negligence) के कारण कई लोगों की जान तक चली जाती है ऐसा ही एक मामला राज्य के गोपालगंज जिले से सामने आया है। जहां विजयीपुर थाना क्षेत्र में मुख्य बाजार स्थित एक झोला छाप डाक्टर की लापरवाही से एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक का नाम रहीमुद्दीन हासमी था जो आलमीन हासमी का बड़ा पुत्र था।
निजी अस्पताल में हुआ प्राथमिक इलाज
बता दें कि गोपालगंज के विजयीपुर माड़र गाँव के आलमीन हासमी का 22 वर्षीय पुत्र रहमुदीन हासमी को कुछ दिनों से हल्का बुखार था, जिसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए विजयीपुर मेन रोड स्थित एक निजी क्लिनिक में ले गए। जहां क्लिनिक में मौजूद डॉक्टर ने इलाज के वक्त मरीज को एक इंजेक्शन लगा दिया। जिसके कुछ देर बाद ही मरीज बेचैनी से छटपटाने लगा। मरीज की स्थिति गंभीर होते देख परिवार वाले उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विजयीपुर ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर मौत की सुचना मिलते ही परिजन शव को लेकर निजी क्लिनिक पर पहुंचे लेकिन क्लिनिक का शटर बंद कर डॉक्टर वहां से फरार हो चूका था।
क्लिनिक के बाहर हुआ खूब हंगामा
इस घटना के बाद परिजन तथा ग्रामीण काफी आक्रोशित है और मृतक के शव को क्लिनिक के बहार रखकर खूब हंगामा भी किया। परिजनों की मांग कर रहे है की जल्द ही आरोपी डॉक्टर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर गिरफ्तार किया जाए। वहीं मृतक के पिता आलम हाशमी ने बताया कि उनका पुत्र एकदम ठीक था, उससे केवल हल्का बुखार था। इस कारण ही वह डॉक्टर के पास गया था लेकिन डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन दिए जाने के बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई है। हालांकि परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्यवाई की मांग कर रहें है। फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और परिवार वालो और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश में लगी हुई है।