रविवार को पटना के बापू सभागार में ‘मिल्लत बचाओ मुल्क बचाओ’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया और इसके जरिए कमजोर अल्पसंख्यक को SC/ST एक्ट 1989 में शामिल करने की मांग रखी गई। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वक्फ ने गरीब और कमजोर वर्ग के मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया। वक्फ वालों ने गरीब बच्चों के लिए न तो कोई स्कूल बनाया और न ही गरीबों की मदद की।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विस्तार से अपनी बातें रखी और मिल्लत बचाओ मुल्क बचाओ के आयोजक डॉ एजाज अली की बातों को खारिज करते हुए कहा कि जब देश में सबको एक समान अधिकार मिला हुआ है तब अपने को कोई कमजोर माने यह सबसे बड़ी कमजोरी है। उन्होंने कहा कि मांगनेवाला हमेशा कमजोर होता है इसलिए हमेशा देने वाला बनना चाहिए लेकिन जिनके पास देने को था उन्होंने दिया नहीं जिसकी वजह से वक्फ संशोधन कानून लाना पड़ा।
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वक्फ यदि जरूरतमंद और गरीबों की मदद करता तो इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन वक्फ ने गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल तक नहीं खोला। बिहार के राज्यपाल ने कहा कि कुरान कहता है कि जिनके पास जरूरत से ज्यादा है उसे जरूरतमंदों में खर्च करें। गैर मुस्लिम गरीबों के लिए भी कुरान में मदद की बात है लेकिन वक्फ ने कुछ नहीं किया।
पसमांदा समाज के लोगों के बीच अपनी बात रखते हुए बिहार के राज्यपाल ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु यानी आमिर के बच्चे अमेरिका में पढ़ते हैं जबकि गरीबों के बच्चे मदरसा में पढ़ते हैं और गरीब मुसलमान कहते हैं कि मदरसों को बचाना है। देवबंद के भी दो भाग हो गए। वे अपने संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं और गरीब मुसलमान उनके लिए जोश में हैं लेकिन जोश नहीं होश वाले आगे बढ़ेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि वह मंच से रखी गई मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे, लेकिन किसी भी चीज को केवल मांगने से नहीं, बल्कि मेहनत और लगन से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज को आत्ममंथन कर अपने प्रयासों से आगे बढ़ना होगा। जोश से नहीं, होश से काम लेने की जरूरत है।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में जब उनसे ओवैसी के बयान पर सवाल किया गया, तो राज्यपाल ने कहा कि आपको हर वक्त तलाश है उस आदमी की जो कुत्ते को काटे। उन्होंने इस सवाल को नजरअंदाज करते हुए कहा कि ऐसे बयानों को तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए।