नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना पर की गई विवादास्पद टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्रीनेत ने कहा कि निशिकांत दुबे का यह बयान कि “देश के CJI गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं,” निंदनीय और बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने इसे “गंदी बात” करार देते हुए BJP से कड़ी कार्रवाई की मांग की। श्रीनेत ने BJP पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा, “निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और CJI पर गंभीर आरोप लगाए, लेकिन BJP ने सिर्फ यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह पार्टी का विचार नहीं है।
अगर यह आपका विचार नहीं है, तो निशिकांत दुबे को पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए, या कम से कम उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहिए।” उन्होंने BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह “पुरानी चाल” है, जहां विवादास्पद बयान किसी नेता से दिलवाकर पार्टी बाद में उससे दूरी बना लेती है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब निशिकांत दुबे ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच शीर्ष अदालत पर “देश को अराजकता की ओर ले जाने” और “धार्मिक युद्ध भड़काने” का आरोप लगाया। उनकी टिप्पणियों ने व्यापक विवाद को जन्म दिया, जिसके बाद एक वकील ने उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा।
BJP ने हालांकि दुबे के बयानों से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 20 अप्रैल को X पर पोस्ट करते हुए कहा, “BJP का निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की सुप्रीम कोर्ट और CJI पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये उनके निजी विचार हैं, और पार्टी इससे असहमत है।” इस बीच, सुप्रिया श्रीनेत ने BJP पर हमला जारी रखते हुए कहा कि पार्टी के मुख्यमंत्री तक दुबे का बचाव कर रहे हैं, जो उनकी नजर में इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसमें कई याचिकाएं इस कानून की संवैधानिकता को चुनौती दे रही हैं। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर भारत की राजनीतिक और न्यायिक संस्थाओं के बीच तनाव को उजागर कर दिया है। निशिकांत दुबे की टिप्पणियों और उस पर विपक्ष की प्रतिक्रिया ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है।