मुजफ्फरपुर जिले की प्रसिद्ध शाही लीची की पहली खेप गुरुवार को दुबई के लिए रवाना की गई। यह ऐतिहासिक पहल शीत परिवहन प्रणाली (कोल्ड चेन ट्रक) के माध्यम से की गई, जिससे लीची की गुणवत्ता और ताजगी बरकरार रह सके। पहली खेप को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना किया गया, जहां से इसे हवाई मार्ग से दुबई भेजा जाएगा।
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जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि, “यह पहल मुजफ्फरपुर के किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत है। इससे न केवल अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच बनेगी, बल्कि भविष्य में निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।” उन्होंने बताया कि कोल्ड चेन तकनीक के माध्यम से लीची सीधे बाजार तक पहुंचेगी, जिससे उत्पादकों को उचित मूल्य मिलेगा और फल की बर्बादी भी रुकेगी।

यह पहली बार है जब मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची को नियत तापमान पर प्रसंस्करण के बाद निर्यात किया जा रहा है। इसके लिए बंदरा प्रखंड के बरगांव स्थित उत्पादक संघ की ओर से एक आधुनिक प्रसंस्करण यूनिट स्थापित की गई है। जिलाधिकारी ने इसे उद्यान विभाग और किसानों की ओर से की गई पहली गंभीर और सफल पहल बताया।
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पूर्व में कोल्ड चेन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण लीची के निर्यात में कई बाधाएं आती थीं। लेकिन इस बार सरकारी और निजी क्षेत्र के सहयोग से कोल्ड स्टोरेज और शीत परिवहन की पूरी व्यवस्था की गई है।प्रारंभ में हर दिन छह क्विंटल लीची दुबई भेजने का लक्ष्य रखा गया है। लीची को तोड़ने के तुरंत बाद कोल्ड चेन प्रक्रिया का पालन करते हुए उसे गोदाम में संग्रहित किया जाएगा, जिससे उसकी गुणवत्ता बनी रहे।
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उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल मुजफ्फरपुर के किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि देश की कृषि उपज के वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि है।