इटावा में यादव कथा वाचकों के साथ मारपीट का मामला अब उत्तर प्रदेश में यादव बनाम ब्राह्मण बनता जा रहा है। इसको लेकर खूब सियासत हो रही है और समाज में भी इसका असर खूब देखने को मिल रहा है। बिहार के एक गांव में ब्राह्मणों के बहिष्कार के बोर्ड भी लग गए हैं, जिसमें लिखा हुआ है कि ब्राह्मणों का इस गांव में पूजा-पाठ कराना मना है।
इस पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि आज के समय में कई सारे ऐप आ रहे हैं। ऐसे में ऐप के माध्यम से पूजा-पाठ हो सकती है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा, हम किसी के विरोधी नहीं हैं। इसके बाद सपा चीफ ने बिना ब्राह्मणों का नाम लिया कहा कि हमारा और उनका (ब्राह्मण) का रिश्ता हजारों साल पुराना है।
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राजनीतिक बयानबाज़ी के तेज़ होते माहौल में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया है। गिरिराज सिंह ने अखिलेश पर मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदुओं को आपस में लड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वह “समाजवादी नहीं, पूरी तरह नवाज़वादी बन चुके हैं।”
गिरिराज सिंह ने अपने बयान में कहा, “जातिवादी ज़हर उगलकर हिंदुओं को लड़वाना और मुस्लिम तुष्टिकरण करना ही अब अखिलेश यादव की असली पहचान बन चुकी है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर अखिलेश सच में भगवान कृष्ण के वंशज होते, जैसा कि वह अक्सर दावा करते हैं, तो मथुरा की ज़मीन पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ आवाज़ उठाते। गिरिराज सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने विपक्षी नेताओं की धार्मिक पहचान पर भी तंज कसते हुए कहा, “इनका धर्म भी राहुल गांधी की तरह ‘पता नहीं कौन सा’ है।”