नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने राजद समर्थित प्रत्याशी कुंदन यादव के नामांकन के अवसर पर कटिहार पहुंचे थें। सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री का अध्यक्ष के साथ जो रवैया रहा वह लोकतंत्र की हत्या करने के जैसा है। अगर लोकतंत्र को बचाना है तो मुख्यमंत्री को आज सदन में विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के कई काले दिन विधानसभा में देखने को मिली है। खुद के सरकार के ही मंत्री स्पीकर के ऊपर उंगली दिखा कर बात करते हैं। सरकार के ही मंत्री विधायाक लोग सरकार पर सवाल करते हैं। इससे स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार विपक्ष का सवाल का जवाब क्या देगी वह तो अपने मंत्री के ही सवाल से घिरी रहती है।
स्पीकर को झाड़ लगा रहे थे
यह बहुत ही दुखद है निंदनीय है कि इस प्रकार का व्यवहार मुख्यमंत्री जी की ओर से हुआ है। बिहार विधानसभा में जो अध्यक्ष होता है वह कस्टोडियन होता है हाउस का, आप उसको डायरेक्ट नहीं कह सकते हैं। आप स्पीकर को झाड़ लगा रहे थे, लोकतंत्र कहां बची फिर, इस लोकतंत्र के मंदिर में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। सवाल तो जायज था कि भाई जांच जो है क्यों नहीं हो पाती है सदन में स्पष्ट करें, मंत्री उत्तर नहीं दे पाते हैं। प्रश्न को स्थगित करना पड़ता है और मुख्यमंत्री आते हैं और सीधे स्पीकर को ही झाड़ने लगते हैं।
दिखावा वाला राजनीति
मुख्यमंत्री ने स्पीकर को यह तक कह दिया कि संविधान की जानकारी नही। हमको जहां तक लगता है कि मुख्यमंत्री को अध्यक्ष से माफ़ी मांगनी चाहिए, वरना ऐसे कोई मतलब नहीं रह जाएगा। बिहार विधानसभा का सबसे बड़ी पंचायत बिहार की है और वहां आप इस तरह का रवैया अपनाने का काम कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से विशेष राज्य का दर्जा देने के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री क्या पुतिन से मांगे विशेष राज्य का दर्जा..! यह दिखावा वाला राजनीति है। केंद्र सरकार ने तो पहले हीं स्पष्ट कह दिया कर दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री पैसा ही खर्च नहीं कर पाते हैं तो विशेष राज कैसे मिलेगा।