बिहार के गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के IATA कोड ‘GAY’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 5 अगस्त 2025 को भाजपा सांसद भीम सिंह ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया और कोड को “सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आपत्तिजनक” बताते हुए इसे बदलने की मांग की। सांसद सिंह का कहना है कि ‘GAY’ कोड गया की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ मेल नहीं खाता। उन्होंने इसे बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल बोधगया के पास स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की गरिमा के खिलाफ बताया। उनका तर्क है कि यह कोड न केवल स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि गया की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी कम करता है।
इस पर जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने स्पष्ट किया कि हवाई अड्डों के कोड इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) द्वारा तय किए जाते हैं और ‘GAY’ कोड गया शहर के नाम के पहले तीन अक्षरों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि ऐसे कोड वैश्विक हवाई यातायात प्रणाली के लिए मानकीकृत होते हैं और इन्हें केवल अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में बदला जा सकता है, जैसे कि सुरक्षा कारणों से।
मंत्री ने यह भी कहा कि किसी कोड में बदलाव के लिए भारत सरकार को औपचारिक रूप से IATA को अनुरोध भेजना होता है, जो एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दुनिया भर के हवाई अड्डों के कोड आमतौर पर इसी प्रकार से निर्धारित किए जाते हैं, जैसे दिल्ली (DEL), मुंबई (BOM) और न्यूयॉर्क (JFK)।






















