राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव (Lalu Yadav Rabri Devi Tejashwi Yadav) दिल्ली रवाना हो गए हैं। यह दौरा किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि उनके खिलाफ चल रहे चर्चित ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले से जुड़ा है, जिसकी सुनवाई 13 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में होनी है। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है, जिससे न सिर्फ लालू परिवार बल्कि पूरे बिहार के राजनीतिक माहौल पर असर पड़ सकता है।
दरअसल, कोर्ट ने पहले ही 25 अगस्त को इस केस की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 13 अक्टूबर को फैसला सुनाने का दिन तय किया है। अदालत ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इस आदेश के बाद तीनों नेता रविवार को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां एयरपोर्ट पर आरजेडी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखने को मिली।
यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान नौकरियों के बदले जमीन देने से जुड़ा है। सीबीआई ने मई 2022 में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और अन्य 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जांच में यह भी सामने आया कि कई जमीनें लालू परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर ट्रांसफर की गई थीं। विपक्ष लगातार इस केस को राजनीतिक प्रतिशोध करार देता रहा है, वहीं सीबीआई का दावा है कि सबूत साफ तौर पर “नौकरी के बदले जमीन” की डील को साबित करते हैं।
दिल्ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से कहा कि “तकलीफ की कोई बात नहीं है, सब कुछ सही है।” तेजस्वी ने एक बार फिर यह दोहराया कि उनकी राजनीति “संघर्ष और विकास” पर आधारित है, न कि डर और दमन पर।






















