बिहार की राजनीति में महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ राजद इसे अपने आत्मविश्वास का प्रतीक बता रही है, वहीं जनता दल यूनाइटेड (JDU) इस फैसले को अपने लिए “राजनीतिक वरदान” बता रही है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने महागठबंधन और राजद पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस फैसले ने बिहार की जनता को स्पष्ट विकल्प दे दिया है—एक तरफ नीतीश कुमार का विकास मॉडल और दूसरी ओर ‘जंगलराज’ की वापसी का खतरा।
केसी त्यागी ने कहा कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा बनाकर विपक्ष ने खुद ही अपनी राह मुश्किल कर ली है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “हमारे लिए रास्ता अब और आसान हो गया है। आरजेडी का जनाधार लगातार सिकुड़ता जा रहा है और जनता फिर से स्थिर शासन और विकास चाहती है। तेजस्वी यादव की राजनीति अब न तो नई है और न ही जनता को भरोसेमंद लगती है।”
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर और भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “लालू यादव बीमार हैं, लेकिन पुत्रमोह में व्यस्त हैं, कभी अशोक गहलोत से मिलने जाते हैं, तो कभी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करवा देते हैं। बिहार की जनता अब यह तय करेगी कि उसे कौन चाहिए — विकास और सुशासन के प्रतीक नीतीश कुमार या फिर 420 के आरोपी तेजस्वी यादव।”
नीरज कुमार ने आगे कहा कि नीतीश कुमार केवल एक नेता नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के नायक हैं। वे ग्लोबल थिंकर और क्लाइमेट लीडर के रूप में बिहार का नाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले गए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता शांति, शिक्षा और रोजगार चाहती है, न कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अपराध।






















