आज बिहार बिधान सभा में जातीय जनगणना (Cast census) कराने के मांग को लेकर राजद के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। राजद के सदस्यों का कहना है कि जब 2 नंबर में जातीय जनगणना का सवाल था तो इसे क्यों नही लिया गया। राजद सदस्यों का कहाना था कि पहले सवाल का जबाब इतना लंबा दे दिया कि दूसरे का समय नहीं बचा।
जनगणना से सरकार भाग रही
राजद के विधायक भाई विरेन्द्र ने का कि जातीय जनगणना को पूरे सदन नें पास कर के भेजा था। अब केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के बीच क्या बात है यह हमें नही पता लेकिन सर्वदलीय कमेटी प्रधानमंत्री से मिलने गई थी। जिसमें बीजेपी भी शामिल थी। लेकिन आज जातीय जनगणना कराने से बिहार सरकार भाग रही है ऐसा प्रतीत हो रहा है। राजद विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब प्रधानमंत्री तैयार न होंगे तो बिहार सरकार खुद के संसाधन से जातीय जनगणना करायेगी।
प्रश्न साजिश का शिकार हुआ
राजद विधायक ने कहा कि अभी का बजट देखें तो जातीय जनगणना के लिए कोई प्रावधान नही है। उसी को देख कर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जनगणना को लेकर बहुत ही अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से प्रासंगिक प्रश्न उठाया था। लेकिन ऐसा लगा कि वह प्रश्न साजिश का शिकार हुआ। राजद विधायक ने कहा कि सदन में सरकार के दबाव में और सरकार के इंटेंशन को कोई भी देख सकता था कि एक प्रश्न करने के बाद चूँकि दूसरा प्रश्न जनगणना का था इसलिए पहले प्रश्न के लंबे जवाब में ही उलझा कर रख दिया। जो कि बहुत ही खेद की बात है।
सौ में नब्बे शोषित हैं नब्बे भाग हमारा
जगदेव बाबू ने कहा था कि सौ में नब्बे शोषित हैं नब्बे भाग हमारा है दस का शासन नब्बे पर नहीं चलेगा..नहीं चलेगा…यह नारे आज सदन में गूंज रहे थें। राष्ट्रीय जनता दल के हमारे सभी साथियों ने वामपंथी साथियों ने इसका विरोध किया ताकि उस प्रश्न की सुनवाई हो इस पर चर्चा हो क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न था। लेकिन सदन के अध्यक्ष ने इसे स्वीकार नहीं किया और सभा को स्थगित कर दिया गया। अंत में राजद विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार नागपुर के दबाब में हैं।